गांधी शांति पुरस्कार 2025: रिगोबर्टा मेंचू विजेता! जानें 2020-2024 के विजेता, इतिहास और महत्व | M S WORLD

🕊️ गांधी शांति पुरस्कार (2020-2025): रिगोबर्टा मेंचू (2025) और अन्य विजेता, इतिहास और महत्व | M S WORLD

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प्रस्तावना: गांधी शांति पुरस्कार - अहिंसा और सामाजिक सद्भाव का वैश्विक सम्मान

गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी की शांति और अहिंसा की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है। यह पुरस्कार उन लोगों को सम्मानित करता है जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन अहिंसक तरीकों से लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह पुरस्कार अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न अक्सर करेंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान के अंतर्गत पूछे जाते हैं। इस लेख में, हम गांधी शांति पुरस्कार 2025 के विजेता पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, 2020 से 2025 तक के पुरस्कार विजेताओं, पुरस्कार की विशेषताओं, चयन प्रक्रिया और इसके ऐतिहासिक महत्व पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

⭐ इस लेख के मुख्य आकर्षण:

  • गांधी शांति पुरस्कार 2025: विजेता रिगोबर्टा मेंचू टुम (ग्वाटेमाला) और उनका योगदान।
  • विगत वर्षों के विजेता (2020-2024): शेख मुजीबुर्रहमान, गीता प्रेस, सर्वोदय श्रमदान आंदोलन, डॉ. ए.टी. अरियारत्ने, मिशेल बाचेलेट।
  • पुरस्कार की स्थापना, राशि और चयन प्रक्रिया।
  • गांधी शांति पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य और FAQ.

गांधी शांति पुरस्कार 2021 विजेता और संबंधित जानकारी
गांधी शांति पुरस्कार (प्रतीकात्मक, स्रोत: मूल ब्लॉग पोस्ट)

👉🏻 वीडियो लिंक 🔗 - गांधी शांति पुरस्कार 2021 विजेता पर वीडियो देखें


1. गांधी शांति पुरस्कार: एक परिचय और इसका महत्व 🕊️

गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है। यह पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर सन 1995 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करना है जिन्होंने अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।

यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग के किसी भी भेदभाव के बिना सभी के लिए खुला है, जो इसे वास्तव में एक वैश्विक सम्मान बनाता है। यह न केवल प्राप्तकर्ताओं की उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि दुनिया भर में शांति, अहिंसा और सद्भाव के संदेश को भी बढ़ावा देता है।

2. गांधी शांति पुरस्कार 2025: विजेता रिगोबर्टा मेंचू टुम और उनका योगदान 🏆🇬🇹

वर्ष 2025 के प्रतिष्ठित गांधी शांति पुरस्कार (जिसे कभी-कभी गांधी मंडेला पुरस्कार के संदर्भ में भी देखा जाता है, हालांकि ये दो अलग पुरस्कार हैं) के लिए ग्वाटेमाला की प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, सुश्री रिगोबर्टा मेंचू टुम को चुना गया है।

रिगोबर्टा मेंचू टुम, गांधी शांति पुरस्कार 2025 विजेता
रिगोबर्टा मेंचू टुम (प्रतीकात्मक)

उन्हें यह सम्मान ग्वाटेमाला और विश्व स्तर पर आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए उनके अथक संघर्ष, महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया है। रिगोबर्टा मेंचू टुम एक क'इचे' (K'iche') ग्वाटेमाली मानवाधिकार कार्यकर्ता और नारीवादी हैं। उन्होंने ग्वाटेमाला में सैन्य तानाशाही के दौरान हुए अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और स्वदेशी लोगों के अधिकारों के लिए एक मुखर वकील बनीं। उनकी आत्मकथा, "I, Rigoberta Menchú", ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया और उन्हें 1992 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। (स्रोत: NobelPrize.org, विकिपीडिया, इंडिया टुडे)

2025 का गांधी शांति पुरस्कार समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहाँ सुश्री मेंचू को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर उनके जीवन और संघर्षों पर प्रकाश डाला गया।

3. पुरस्कार की मुख्य विशेषताएँ: राशि, चयन प्रक्रिया और योग्यता 📜

गांधी शांति पुरस्कार की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • पुरस्कार राशि: ₹1 करोड़ (दस मिलियन भारतीय रुपये)
  • अन्य सम्मान: एक प्रशस्ति पत्र (citation), एक पट्टिका (plaque), और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा विशिष्ट कृति।
  • योग्यता: यह पुरस्कार किसी भी व्यक्ति (चाहे वह किसी भी राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग का हो) या संस्थान को दिया जा सकता है जिसने गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
  • चयन प्रक्रिया: विजेताओं का चयन एक उच्च स्तरीय जूरी द्वारा किया जाता है।
    • जूरी के अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री (वर्तमान में श्री नरेंद्र मोदी)।
    • पदेन सदस्य: भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता।
    • अन्य सदस्य: दो अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति (आमतौर पर लोकसभा अध्यक्ष और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिंदेश्वर पाठक को शामिल किया जाता रहा है, हालांकि यह बदल सकता है)।

आपके मूल डेटा के अनुसार, वर्ष 2020 के लिए दिए जाने वाले गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की बैठक 19 मार्च 2021 को आयोजित की गई थी, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी थे।

4. विगत वर्षों के विजेता (2020-2024): एक दृष्टि (तालिका) 🗓️

2025 की विजेता सुश्री रिगोबर्टा मेंचू टुम से पहले, हाल के वर्षों में निम्नलिखित प्रतिष्ठित व्यक्तियों और संस्थानों को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है:

वर्ष प्राप्तकर्ता देश/संस्थान मुख्य योगदान
2020 बांगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान (मरणोपरांत) बांग्लादेश बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में योगदान। (यह पुरस्कार 2021 में घोषित हुआ था)
2021 गीता प्रेस, गोरखपुर भारत 100 वर्षों से अधिक समय से धार्मिक ग्रंथों के प्रकाशन और सामाजिक कल्याण में योगदान।
2022 सर्वोदय श्रमदान आंदोलन श्रीलंका ग्रामीण विकास, शिक्षा और सामाजिक सुधारों में अहिंसक सिद्धांतों का पालन।
2023 डॉ. ए.टी. अरियारत्ने श्रीलंका सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक, जीवनभर सामाजिक कार्य और गांधीवादी सिद्धांतों का पालन।
2024 मिशेल बाचेलेट चिली मानवाधिकारों, महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक स्तर पर कार्य। (चिली की पूर्व राष्ट्रपति)

5. गांधी शांति पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता कौन थे? 🏅

गांधी शांति पुरस्कार का प्रथम आयोजन महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर सन 1995 में किया गया था। इस पहले पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे श्री जूलियस न्येरेरे (Julius Nyerere)

श्री जूलियस न्येरेरे तंजानिया देश के प्रथम राष्ट्रपति थे और उन्हें अफ्रीका में उपनिवेशवाद के खिलाफ उनके शांतिपूर्ण संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए यह सम्मान दिया गया था।

6. चयनकर्ता समिति: अध्यक्ष और सदस्य 👥

गांधी शांति पुरस्कार के विजेता का चयन एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा किया जाता है।

  • अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री।
  • पदेन सदस्य: भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता।
  • अन्य सदस्य: दो अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति।

7. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गांधी शांति पुरस्कार का महत्व ✍️

गांधी शांति पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व का एक प्रमुख सम्मान है, इसलिए यह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, राज्य PSC (जैसे CGPSC), SSC, बैंकिंग, रेलवे और अन्य सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के करेंट अफेयर्स और सामान्य ज्ञान खंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं:

  • नवीनतम गांधी शांति पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?
  • पुरस्कार प्राप्तकर्ता किस देश से संबंधित हैं या उनका कार्यक्षेत्र क्या है?
  • गांधी शांति पुरस्कार की स्थापना कब हुई?
  • पुरस्कार की राशि कितनी है?
  • प्रथम गांधी शांति पुरस्कार किसे मिला था?

इसलिए, इस पुरस्कार के वर्तमान और पिछले कुछ विजेताओं तथा इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को याद रखना आवश्यक है।

अपनी तैयारी को और बेहतर बनाने के लिए, आप निम्नलिखित विषयों पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:

9. गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: गांधी शांति पुरस्कार की स्थापना कब हुई थी?

गांधी शांति पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर सन 1995 में की गई थी।

प्रश्न 2: गांधी शांति पुरस्कार 2025 किसे प्रदान किया गया?

गांधी शांति पुरस्कार 2025 ग्वाटेमाला की मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सुश्री रिगोबर्टा मेंचू टुम को प्रदान किया गया।

प्रश्न 3: गांधी शांति पुरस्कार के अंतर्गत कितनी धनराशि प्रदान की जाती है?

गांधी शांति पुरस्कार के अंतर्गत पुरस्कार स्वरूप एक करोड़ रुपये (₹1,00,00,000), एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा कृति प्रदान की जाती है।

प्रश्न 4: गांधी शांति पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता कौन थे?

गांधी शांति पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता श्री जूलियस न्येरेरे थे, जो तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति थे। उन्हें यह पुरस्कार 1995 में प्रदान किया गया था।

प्रश्न 5: गांधी शांति पुरस्कार के लिए चयन समिति का अध्यक्ष कौन होता है?

गांधी शांति पुरस्कार के लिए चयनकर्ता समिति (जूरी) के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।


10. निष्कर्ष और M S WORLD का संदेश

दोस्तों, गांधी शांति पुरस्कार विश्व भर में शांति, अहिंसा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। 2025 में सुश्री रिगोबर्टा मेंचू टुम को यह पुरस्कार मिलना उनके जीवन भर के संघर्षों और प्रतिबद्धता का सम्मान है। विगत वर्षों के विजेता भी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।

हमें उम्मीद है कि गांधी शांति पुरस्कार (2020-2025) पर आधारित यह विस्तृत लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायक सिद्ध होगा। अपने सुझाव और प्रतिक्रियाएं हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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