राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 Feb 2025): इतिहास, रमन प्रभाव, थीम + 25+ MCQ | MSWorld क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस |

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025: थीम, इतिहास, रमन प्रभाव और 25+ महत्वपूर्ण MCQ

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025: थीम, इतिहास, रमन प्रभाव और 25+ महत्वपूर्ण MCQ

नमस्कार दोस्तों! M.S.World The World of HOPE / देश संवाद में आपका हार्दिक स्वागत है। क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे स्मार्टफोन की स्क्रीन से लेकर ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने तक, हर जगह विज्ञान की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है? भारत में इसी वैज्ञानिक चेतना का जश्न मनाने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है।

यह दिन केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक महान भारतीय वैज्ञानिक की उस ऐतिहासिक खोज को सलाम करने का अवसर है जिसने दुनिया को देखने का हमारा नजरिया ही बदल दिया। इस अल्टीमेट गाइड में हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 के हर पहलू को जानेंगे - इसके गौरवशाली इतिहास से लेकर इस साल की थीम तक, और हाँ, आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को और धार देने के लिए 25+ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 - सर सी.वी. रमन और रमन प्रभाव

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास: यह क्यों शुरू हुआ?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की नींव एक महान खोज से जुड़ी है। नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने 1986 में भारत सरकार से आग्रह किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया जाए। सरकार ने इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया और इस दिन को राष्ट्रीय उत्सव का दर्जा दिया। इसके परिणामस्वरूप, पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया। यह निर्णय देश के संसद और नीति निर्माताओं की वैज्ञानिक प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

28 फरवरी ही क्यों? 'रमन प्रभाव' की अद्भुत खोज

इस तारीख का चुनाव महान भारतीय भौतिकशास्त्री सर सी.वी. रमन की एक ऐतिहासिक उपलब्धि को सम्मान देने के लिए किया गया। उन्होंने 28 फरवरी 1928 को अपनी विश्व प्रसिद्ध खोज 'रमन प्रभाव' (Raman Effect) की घोषणा की थी। यह खोज इतनी महत्वपूर्ण थी कि इसने न केवल विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया, बल्कि भारत को दुनिया के वैज्ञानिक मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाई।

क्या है 'रमन प्रभाव'?

'रमन प्रभाव' प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering of light) की एक मौलिक घटना है। सरल शब्दों में, जब प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी पदार्थ (जैसे द्रव, ठोस या गैस) से होकर गुजरती है, तो उस प्रकाश का कुछ हिस्सा बिखर जाता है। रमन ने यह खोज की कि बिखरने वाले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य (Wavelength) में मामूली बदलाव आता है। यह बदलाव पदार्थ की आंतरिक आणविक संरचना के कारण होता है। इस खोज ने वैज्ञानिकों को किसी भी पदार्थ की पहचान उसकी आणविक संरचना के आधार पर करने का एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान किया।

"सही सवाल पूछिए, और प्रकृति आपके लिए अपने रहस्य के दरवाज़े खोल देगी।"
- सर सी.वी. रमन

कौन थे सर सी.वी. रमन: नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। वे बचपन से ही विज्ञान में गहरी रुचि रखते थे। 'रमन प्रभाव' की अपनी शानदार खोज के लिए, उन्हें वर्ष 1930 में भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिला। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे न केवल पहले भारतीय, बल्कि पहले एशियाई भी थे। विज्ञान में उनके अतुलनीय योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें 1954 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया, जो भारत के गवर्नर-जनरल और वायसराय की परंपरा के बाद स्थापित सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। उनका जीवन आज भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य

  • आम लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
  • छात्रों और युवाओं को विज्ञान को एक करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और उन्हें जन-जन तक पहुंचाना।
  • देश में वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि वैज्ञानिक विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, जैसा कि हमारे मौलिक अधिकारों और संविधान की मूल भावना है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम (Theme)

हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि किसी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम है: "विकास के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना"

इन्फोग्राफिक: जानें क्या है रमन प्रभाव और इसके उपयोग

रमन प्रभाव के व्यावहारिक उपयोग

यह जानना आकर्षक है कि लगभग एक सदी पुरानी यह खोज आज भी अत्याधुनिक तकनीक में कैसे उपयोग हो रही है। 'रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी' नामक तकनीक इसी प्रभाव पर आधारित है, जिसके कुछ प्रमुख उपयोग हैं:

  • चिकित्सा में: कैंसर कोशिकाओं का शीघ्र पता लगाने, दवाओं की शुद्धता जांचने और नकली दवाओं की पहचान करने में।
  • उद्योग में: रसायनों, प्लास्टिक और अर्धचालकों (semiconductors) की गुणवत्ता नियंत्रण में।
  • फोरेंसिक विज्ञान में: अपराध स्थल पर मिले अज्ञात पदार्थों की पहचान करने में।
  • कला और पुरातत्व में: पुरानी कलाकृतियों और पांडुलिपियों पर इस्तेमाल किए गए रंगों और सामग्रियों का विश्लेषण करने के लिए, बिना उन्हें नुकसान पहुंचाए।

कैसे मनाएं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस?

आप भी इस दिन को खास बना सकते हैं। यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं:

  • स्कूलों और कॉलेजों में: विज्ञान मेले, क्विज प्रतियोगिताएं, मॉडल प्रदर्शनी और वैज्ञानिकों पर व्याख्यान आयोजित करें।
  • व्यक्तिगत स्तर पर: विज्ञान संग्रहालय या तारामंडल पर जाएं, विज्ञान से संबंधित कोई किताब पढ़ें या कोई डॉक्यूमेंट्री देखें।
  • ऑनलाइन: विज्ञान से जुड़े रोचक तथ्य सोशल मीडिया पर साझा करें। आप हमारे अन्य ब्लॉग जैसे World General Knowledge Q&A या देश संवाद पर भी जानकारी साझा कर सकते हैं।

परीक्षा के लिए 25+ महत्वपूर्ण प्रश्न (MCQ)

यह सेक्शन आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं (SSC, Banking, Railway, PSC) की तैयारी के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  1. प्रश्न 1: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है?

    (A) 26 जनवरी (B) 15 अगस्त (C) 28 फरवरी (D) 5 जून

    उत्तर: (C)

    विवरण: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण दिनों की सूची भी देखें।

  2. प्रश्न 2: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किस भारतीय वैज्ञानिक की खोज को समर्पित है?

    (A) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (B) सर सी.वी. रमन (C) होमी जे. भाभा (D) जगदीश चंद्र बोस

    उत्तर: (B)

    विवरण: यह दिवस सर सी.वी. रमन द्वारा 'रमन प्रभाव' की खोज की स्मृति में मनाया जाता है।

  3. प्रश्न 3: सर सी.वी. रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की घोषणा किस वर्ष की थी?

    (A) 1928 (B) 1930 (C) 1954 (D) 1987

    उत्तर: (A)

    विवरण: 'रमन प्रभाव' की खोज की घोषणा 28 फरवरी 1928 को की गई थी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन द्वारा 1928 में 'रमन प्रभाव' की ऐतिहासिक खोज की याद में मनाया जाता है।

'रमन प्रभाव' क्या है?

'रमन प्रभाव' प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित एक घटना है। इसके अनुसार, जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है, तो उसकी तरंगदैर्ध्य (wavelength) में बदलाव आ जाता है। इस खोज ने अणुओं की संरचना को समझने में क्रांति ला दी।

सर सी.वी. रमन को नोबेल पुरस्कार कब और क्यों मिला?

उन्हें 1930 में 'रमन प्रभाव' की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। वे विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय और एशियाई व्यक्ति थे।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम क्या है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 के लिए घोषित थीम है 'विकास के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना'।

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इस लेख में आपको सबसे रोचक जानकारी क्या लगी? या आप इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाने वाले हैं? नीचे कमेंट्स में हमारे साथ अपने विचार साझा करें!

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