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परिचय: CG TET 2019 हिंदी भाषा प्रश्न पत्र का विश्लेषण और महत्व
इस व्यापक लेख में, हम आपको **CG TET (छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2019 के पेपर 1 (कक्षा 1 से 5)** के **द्वितीय भाग - हिंदी भाषा** खंड में पूछे गए सभी 30 प्रश्नों (प्रश्न 31 से 60) को उनके **सही उत्तरों और विस्तृत व्याख्याओं** के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। यह प्रश्न पत्र **Set A** से संबंधित है और उन सभी अभ्यर्थियों के लिए एक अमूल्य संसाधन है जो CG TET, CTET और अन्य राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहन अध्ययन आपको परीक्षा के पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार और कठिनाई स्तर को समझने में मदद करता है, जिससे आप अपनी रणनीति को बेहतर बना सकते हैं। हिंदी भाषा एक स्कोरिंग विषय है जो आपके समग्र परिणाम में बड़ा योगदान दे सकता है, विशेषकर व्याकरण, शब्दावली और शिक्षण विधियों पर अच्छी पकड़ के साथ।
तो, आइए इस सॉल्वड प्रश्न पत्र के माध्यम से अपनी तैयारी को परखें, अपनी कमजोरियों को पहचानें और हिंदी भाषा खंड में अधिकतम अंक प्राप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाएं!
इस लेख में आप जानेंगे (विषय-सूची):
- परिचय: CG TET 2019 हिंदी भाषा प्रश्न पत्र का महत्व
- CG TET 2019 (पेपर 1) हिंदी भाषा विवरण
- इस सॉल्वड प्रश्न पत्र का अधिकतम लाभ कैसे उठाएं?
- महत्वपूर्ण वीडियो समाधान (YouTube)
- CG TET 2019 हिंदी भाषा प्रश्न (प्रश्न 31-60)
- हिन्दी भाषा: तैयारी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- निष्कर्ष और हमारी शुभकामनाएं
- अन्य उपयोगी अध्ययन सामग्री
CG TET 2019 (पेपर 1) हिंदी भाषा विवरण
इस सॉल्वड प्रश्न पत्र का अधिकतम लाभ कैसे उठाएं?
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। इस CG TET 2019 हिंदी भाषा सॉल्वड प्रश्न पत्र का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए इन सुझावों का पालन करें:
- **समयबद्ध तरीके से अभ्यास:** प्रश्नों को हल करने के लिए स्वयं को समय सीमा दें, जैसे कि वास्तविक परीक्षा में होता है।
- **अपनी कमजोरियों को पहचानें:** गलत उत्तरों या जिन प्रश्नों को आप हल नहीं कर पाए, उनका विश्लेषण करें। देखें कि हिंदी व्याकरण के किस विषय (जैसे संधि, समास, कारक) या भाषा शिक्षणशास्त्र में आपको अधिक अभ्यास की आवश्यकता है।
- **विस्तृत समाधानों का अध्ययन करें:** केवल सही उत्तर जानने के बजाय, दिए गए विस्तृत व्याख्याओं को समझें। इससे आपको सही उत्तर तक पहुँचने की विधि और अंतर्निहित अवधारणा (concept) स्पष्ट होगी।
- **अवधारणाओं को मजबूत करें:** यदि किसी विशेष अवधारणा में समस्या है, तो अपनी पाठ्यपुस्तकों या नोट्स से उस अवधारणा को दोबारा पढ़ें और उस पर आधारित अधिक प्रश्नों का अभ्यास करें।
- **दोहराव (Revision):** समय-समय पर इस प्रश्न पत्र को दोहराते रहें, खासकर परीक्षा से पहले। यह आपको आत्मविश्वास देगा और परीक्षा के दिन समय प्रबंधन में मदद करेगा।
CG TET 2019 हिंदी भाषा प्रश्न पत्र से संबंधित महत्वपूर्ण वीडियो समाधान:
इन वीडियो समाधानों के माध्यम से आप प्रश्नों को हल करने की तकनीकों और अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं:
👉 CG TET 2019 Hindi Solved Question Paper (YouTube)
👉 CG TET 2019 Paper-2 HINDI Solution (YouTube)
👉 CG TET 2019 Maths Solved Question Paper (YouTube)
CG TET 2019 हिंदी भाषा प्रश्न पत्र (पेपर 1) - प्रश्न 31 से 60
व्याख्या: पठन एक सक्रिय प्रक्रिया है जिसमें पाठक (जो एक व्यक्ति है), पाठ्य सामग्री (स्त्रोत), और संदर्भ (जिसमें शिक्षक, साथी, पूर्व ज्ञान आदि शामिल हो सकते हैं) के बीच अंतःक्रिया होती है। यह बहुआयामी प्रक्रिया है।
व्याख्या: 'रमणीक' का अर्थ है सुंदर, मनोहर, सुहावना या रम्य। 'समीरण' का अर्थ 'हवा' या 'वायु' होता है, अतः यह 'रमणीक' का पर्यायवाची नहीं है।
व्याख्या: पंचतंत्र की कथाएं बच्चों के भाषाई कौशल, बोध (समझ), जिज्ञासा, कल्पना शक्ति और भावनात्मक समझ (स्वानुभव का विस्तार) को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह एक बहुआयामी शैक्षिक उपकरण है।
व्याख्या: वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं (जैसे 'मानव' (संज्ञा) + 'ता' = 'मानवता')। क्रिया या धातु के अंत में लगने वाले प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
व्याख्या: पढ़ना भाषा अधिग्रहण का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह लिखित प्रतीकों (अक्षरों, शब्दों) को डिकोड करके अर्थ निकालने की एक जटिल संज्ञानात्मक (मानसिक) प्रक्रिया है। यह मुख्य रूप से दृश्यात्मक होता है, लेकिन ब्रेल लिपि जैसे मामलों में स्पर्शात्मक भी होता है।
व्याख्या: प्रश्नवाचक अव्यय 'न' का प्रयोग आमतौर पर किसी कथन की पुष्टि चाहने के लिए वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे "तुम चलोगे न?" या "वह आ रहा है न?"।
व्याख्या: भाषा सीखने के चार प्रमुख कौशल हैं जिनका स्वाभाविक और मनोवैज्ञानिक क्रम है: सुनना (Listening), बोलना (Speaking), पढ़ना (Reading), और लिखना (Writing)। इसे संक्षेप में LSRW कहते हैं।
व्याख्या: रचना या बनावट के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं: 1. सरल वाक्य (Simple Sentence), 2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence), और 3. मिश्र वाक्य (Complex Sentence)।
व्याख्या: स्कूल जाने से पहले बच्चे अपने परिवार और परिवेश से अपनी मातृभाषा को सुनना, समझना और बोलना काफी हद तक सीख चुके होते हैं। औपचारिक रूप से पढ़ना और लिखना वे स्कूल में औपचारिक शिक्षा के माध्यम से सीखते हैं।
व्याख्या: बच्चों को यह समझाने के लिए कि एक ही ग्रह (शुक्र) को अलग-अलग नामों (भोर का तारा, सांध्य-तारा) से क्यों जाना जाता है, संदर्भ (कि वह कब और कहाँ दिखाई देता है) और बोध (यह समझना कि यह वास्तव में एक ग्रह है, तारा नहीं) दोनों महत्वपूर्ण हैं। यह उनकी अवधारणात्मक समझ को बढ़ाता है।
व्याख्या: 'पतंग' शब्द के कई अर्थ होते हैं, जिनमें शामिल हैं - उड़ाई जाने वाली पतंग, सूर्य, एक पक्षी/कीट, नाव। दिए गए विकल्पों में से 'सूर्य' इसका एक अनेकार्थी शब्द है।
व्याख्या: होंठों की स्थिति के आधार पर स्वरों के दो भेद होते हैं: 1. वृत्तमुखी (जब होंठ गोल होते हैं - उ, ऊ, ओ, औ) और 2. अवृत्तमुखी (जब होंठ फैले रहते हैं - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ)।
व्याख्या: 'परात' शब्द हिंदी में पुर्तगाली भाषा से आया है। हिंदी में कई विदेशी भाषाओं के शब्द शामिल हैं।
व्याख्या: ब्रिटिश भाषाविद् जॉन बीम्स ने अपनी पुस्तक "A Comparative Grammar of the Modern Aryan Languages of India" में देशज शब्दों की उत्पत्ति को मुख्य रूप से गैर-आर्यन (जैसे द्रविड़ या ऑस्ट्रो-एशियाटिक) स्रोतों से जोड़ा था।
व्याख्या: वह भाषा जिसे बच्चा जन्म के बाद अपने परिवार और आसपास के परिवेश से स्वाभाविक रूप से सीखता है, उसकी मातृभाषा (Mother Tongue) कहलाती है। यह बच्चे के भाषाई विकास की नींव होती है।
व्याख्या: यह कथन प्रसिद्ध भाषाविद् नोम चोम्स्की (Noam Chomsky) के भाषा अधिग्रहण सिद्धांत (Language Acquisition Theory) से संबंधित है। चोम्स्की का मानना था कि मनुष्यों में भाषा सीखने की एक जन्मजात क्षमता होती है, जिसे उन्होंने भाषा अधिग्रहण डिवाइस (LAD) कहा।
व्याख्या: 'विद्याप्रवीण' का समास विग्रह है 'विद्या में प्रवीण' (जो विद्या में प्रवीण हो)। इसमें 'में' अधिकरण कारक की विभक्ति है, अतः यह अधिकरण तत्पुरुष समास का उदाहरण है।
व्याख्या: 'के वास्ते', 'के लिए', 'के हेतु' आदि का प्रयोग सम्प्रदान कारक के लिए होता है। यहाँ राम ने अवतार लेने का कार्य 'तुलसी के वास्ते' (तुलसी के लिए) किया है, अतः यहाँ सम्प्रदान कारक है। सम्प्रदान का अर्थ 'देना' या 'किसी के लिए कुछ करना' होता है।
व्याख्या: मुहावरा एक वाक्यांश (phrase) होता है जो अपना सामान्य अर्थ छोड़कर एक विशेष अर्थ प्रकट करता है और वाक्य में क्रिया का काम करता है। यह स्वतंत्र वाक्य नहीं होता, इसे वाक्य में प्रयोग करने की आवश्यकता होती है। लोकोक्ति (proverb) पूर्ण वाक्य होती है और अक्सर किसी कथा या चिर सत्य पर आधारित होती है।
व्याख्या: संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के जिस रूप से उसकी संख्या (एक या अनेक होने का) का पता चलता है, उसे वचन (Number) कहते हैं। हिंदी में दो वचन होते हैं - एकवचन और बहुवचन।
व्याख्या: अपठित गद्यांश का शीर्षक हमेशा गद्यांश के मूल भाव या केंद्रीय विचार पर आधारित होना चाहिए, उससे अलग या पृथक नहीं। शीर्षक ऐसा होना चाहिए जो पूरे गद्यांश का सार प्रस्तुत करे।
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक निम्नांकित में से कौन सा होगा ?
व्याख्या: गद्यांश का केंद्रीय भाव 'मनुष्यता' या 'मनुष्य होने' के अर्थ और उसकी सर्वोत्तम अवस्था (दूसरों के दुःख को समझना और दूर करना) पर केंद्रित है। 'मनुष्यता' इस गद्यांश के लिए सबसे सीधा और उपयुक्त शीर्षक है।
व्याख्या: प्रभावी श्रवण (Effective Listening) में केवल ध्वनियों को सुनना ही नहीं, बल्कि सुनी गई बात को याद रखना (स्मृति की सक्रियता), उसका अर्थ समझना (अर्थ की रचना), और ध्यानपूर्वक बिना बाधा डाले सुनना (बीच में टोकने पर नियंत्रण) शामिल है।
व्याख्या: यह व्यंजन संधि का उदाहरण है। नियम के अनुसार, यदि 'त्' (हलंत के साथ) के बाद 'ल' वर्ण आए, तो 'त्' का 'ल्' हो जाता है। अतः उत् + लंघन = उल्लंघन।
व्याख्या: उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके मूल अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं। 'अवज्ञा' में 'अव', 'उपवन' में 'उप', और 'परिजन' में 'परि' उपसर्ग हैं। अन्य विकल्पों में कुछ शब्द बिना उपसर्ग के या प्रत्यय वाले हैं।
व्याख्या: इस लोकोक्ति का अर्थ है कि किसी की मेहनत का फल या उसकी कमाई का अनुचित लाभ कोई और ही उठा रहा है। अन्य लोकोक्तियों के अलग अर्थ हैं।
व्याख्या: 'प्रत्यागत' शब्द का अर्थ होता है 'लौटकर आया हुआ' (प्रति + आगत)। 'आगत' का अर्थ है 'आया हुआ'। 'अतिथि' का अर्थ है जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो। 'अनागत' का अर्थ है जो आया न हो।
व्याख्या: यह वाक्य दो स्वतंत्र उपवाक्यों ("संपूर्ण प्रजा अब शांति पूर्वक एक-दूसरे से व्यवहार करती है" और "जातिद्वेष क्रमशः घटता जाता है") को समुच्चयबोधक अव्यय 'और' से जोड़कर बना है। अतः यह एक संयुक्त वाक्य (Compound Sentence) है।
व्याख्या: जो क्रियाएं संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती हैं, उन्हें नामधातु क्रिया (Nominal Verb) कहते हैं। जैसे - 'हाथ' (संज्ञा) से 'हथियाना', 'गर्म' (विशेषण) से 'गरमाना'।
व्याख्या: 'सजावट' शब्द सजने के भाव या क्रिया को दर्शाता है। यह एक भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) है, जिसे छुआ या देखा नहीं जा सकता, केवल महसूस किया जा सकता है। अन्य विकल्पों में 'सुंदर' विशेषण है, 'लोहा' द्रव्यवाचक संज्ञा है, और 'खिड़की' जातिवाचक संज्ञा है।
CG TET हिन्दी भाषा: तैयारी के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
हिन्दी भाषा खंड में अधिकतम अंक प्राप्त करने के लिए इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दें:
- **व्याकरण पर पकड़:** संधि, समास, उपसर्ग, प्रत्यय, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, कारक, वचन, लिंग, वाक्य भेद, अनेकार्थी शब्द, पर्यायवाची, विलोम शब्द, मुहावरे और लोकोक्तियाँ - इन सभी व्याकरणिक विषयों की अवधारणाओं को स्पष्ट करें और खूब अभ्यास करें।
- **भाषा कौशल का विकास:** अपठित गद्यांश और पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर समझने और उनसे संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने का अभ्यास करें। इसमें त्वरित समझ और शब्दावली का ज्ञान महत्वपूर्ण होता है।
- **भाषा शिक्षण शास्त्र (Pedagogy):** भाषा अर्जन और अधिगम, भाषा शिक्षण के सिद्धांत, सुनने-बोलने-पढ़ने-लिखने (LSRW) के कौशल का विकास, मूल्यांकन तकनीकें, शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग, NCF 2005 और RTE 2009 जैसे शैक्षिक फ्रेमवर्क के संदर्भों को गहराई से समझें।
- **शब्द भंडार का विस्तार:** तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्दों की पहचान करें और अपनी शब्दावली को लगातार बढ़ाते रहें। यह अपठित गद्यांश और पर्यायवाची/विलोम प्रश्नों में सहायक होगा।
- **नियमित अभ्यास:** नियमित रूप से अभ्यास प्रश्न और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करते रहें। यह आपकी गति और सटीकता को बढ़ाएगा।
दोस्तों हमारे द्वारा **CG TET 2019 हिंदी भाषा (पेपर 1)** के इस सॉल्वड प्रश्न पत्र से संबंधित दी गई जानकारी कैसी लगी❓
अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव हमें Comment Box में जरूर बताएं😊 आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर कंटेंट बनाने में मदद करती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: CG TET में हिंदी भाषा खंड कितना स्कोरिंग होता है?
हिंदी भाषा खंड आमतौर पर स्कोरिंग माना जाता है, खासकर यदि आपकी व्याकरण और भाषा शिक्षण शास्त्र पर अच्छी पकड़ है। इस खंड में अच्छे अंक प्राप्त करके आप अपने समग्र स्कोर को बेहतर बना सकते हैं और परीक्षा उत्तीर्ण करने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
प्रश्न 2: हिंदी शिक्षण शास्त्र (Pedagogy) के प्रश्न कैसे होते हैं?
हिंदी शिक्षण शास्त्र में भाषा शिक्षण के उद्देश्य, विभिन्न विधियाँ (जैसे प्रत्यक्ष विधि, व्याकरण-अनुवाद विधि), भाषा सीखने में आने वाली चुनौतियाँ, भाषा मूल्यांकन तकनीकें और बच्चों के भाषा सीखने की प्रक्रिया से संबंधित व्यावहारिक और सैद्धांतिक प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रश्न 3: क्या CG TET में हिंदी साहित्य से संबंधित प्रश्न आते हैं?
CG TET के हिंदी खंड में प्रमुख साहित्यकारों या साहित्यिक रचनाओं से सीधे प्रश्न आमतौर पर कम ही पूछे जाते हैं। परीक्षा का फोकस मुख्य रूप से हिंदी व्याकरण, भाषा कौशल (पढ़ना, लिखना, सुनना, बोलना) और भाषा शिक्षण शास्त्र पर रहता है, न कि गहन साहित्य पर।
प्रश्न 4: CG TET हिंदी की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय कौन से हैं?
CG TET हिंदी की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय हिंदी व्याकरण (संधि, समास, कारक, वचन आदि), अपठित गद्यांश/पद्यांश को समझना, और भाषा शिक्षण शास्त्र के सिद्धांत व विधियां हैं। इन पर मजबूत पकड़ बनाने से आप अच्छा स्कोर कर सकते हैं।
निष्कर्ष: आपकी सफलता ही हमारा लक्ष्य है
हमें पूरी उम्मीद है कि CG TET 2019 हिंदी भाषा (पेपर 1) के इस सॉल्वड प्रश्न पत्र का विस्तृत संकलन और विश्लेषण आपकी शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी में एक मील का पत्थर साबित होगा। हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ बनाना न केवल TET परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए, बल्कि एक सफल शिक्षक बनने के लिए भी आवश्यक है।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को ईमानदारी से हल करना और उनका विश्लेषण करना परीक्षा की रणनीति बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
हम M S WORLD The WORLD of HOPE पर आपकी सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और अपनी तैयारी को निरंतर मजबूत करते रहें।
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