CG TET 2019 EVS सॉल्वड प्रश्न पत्र (Paper 1) | पिछले वर्ष का पेपर, उत्तर सहित | M S WORLD
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परिचय: CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन प्रश्न पत्र का विश्लेषण और महत्व
इस व्यापक लेख में, हम आपको **CG TET (छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2019 के पेपर 1 (कक्षा 1 से 5)** के **पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies - EVS)** खंड में पूछे गए सभी प्रश्नों को प्रस्तुत कर रहे हैं। यह पोस्ट उन सभी अभ्यर्थियों के लिए एक अमूल्य संसाधन है जो CG TET, CTET और अन्य राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहन अध्ययन आपको परीक्षा के पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार और कठिनाई स्तर को समझने में मदद करता है, जिससे आप अपनी रणनीति को बेहतर बना सकते हैं। पर्यावरण अध्ययन एक महत्वपूर्ण विषय है जो आपके समग्र स्कोर में बड़ा योगदान दे सकता है।
तो, आइए इस प्रश्न पत्र के माध्यम से अपनी तैयारी को परखें, अपनी कमजोरियों को पहचानें और सफलता की ओर एक ठोस कदम बढ़ाएं!
इस लेख में आप जानेंगे (विषय-सूची):
CG TET 2019 (पेपर 1) EVS विवरण
इस सॉल्वड प्रश्न पत्र का अधिकतम लाभ कैसे उठाएं?
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। इस CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन सॉल्वड प्रश्न पत्र का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए इन सुझावों का पालन करें:
- **समयबद्ध तरीके से अभ्यास:** प्रत्येक खंड को हल करने के लिए निर्धारित समय का पालन करने का प्रयास करें।
- **अपनी कमजोरियों को पहचानें:** गलत उत्तरों या जिन प्रश्नों को आप हल नहीं कर पाए, उनका विश्लेषण करें। देखें कि किस अवधारणा या किस प्रकार के प्रश्नों में आपको अधिक अभ्यास की आवश्यकता है।
- **विस्तृत समाधानों का अध्ययन करें:** केवल सही उत्तर जानने के बजाय, दिए गए विस्तृत समाधानों को समझें। इससे आपको सही उत्तर तक पहुँचने की विधि और अंतर्निहित अवधारणा (concept) स्पष्ट होगी।
- **अवधारणाओं को मजबूत करें:** यदि किसी विशेष अवधारणा में समस्या है, तो अपनी पाठ्यपुस्तकों या नोट्स से उस अवधारणा को दोबारा पढ़ें और उस पर आधारित अधिक प्रश्नों का अभ्यास करें।
- **दोहराव (Revision):** समय-समय पर इस प्रश्न पत्र को दोहराते रहें, खासकर परीक्षा से पहले। यह आपको आत्मविश्वास देगा और परीक्षा के दिन समय प्रबंधन में मदद करेगा।
CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन प्रश्न पत्र से संबंधित महत्वपूर्ण वीडियो समाधान:
इन वीडियो समाधानों के माध्यम से आप प्रश्नों को हल करने की तकनीकों और अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं:
👉 CG TET 2019 Maths Solved Question Paper (YouTube)
👉 CG TET 2016 Paper-1 Maths Solution (YouTube)
CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन (EVS) प्रश्न पत्र (पेपर 1) - प्रश्न 121 से 150
व्याख्या: रेशम का नर कीड़ा अपनी मादा को उसकी गंध से कई किलोमीटर दूर से भी पहचान लेता है। यह उनकी तीव्र संवेदी क्षमता का एक उदाहरण है।
व्याख्या: रचनावादी सीखने (Constructivist learning) में बच्चे गतिविधियों (activities) द्वारा सक्रिय रूप से ज्ञान का निर्माण करते हैं, अपने अनुभवों से सीखते हैं और विचारों को जोड़ते हैं।
व्याख्या: फिटकरी (पोटेशियम एलम) एक स्कंदन एजेंट (coagulating agent) के रूप में कार्य करती है। यह पानी में निलंबित महीन कणों को आपस में चिपका देती है जिससे वे भारी होकर नीचे बैठ जाते हैं (अवसादन), और पानी साफ हो जाता है।
व्याख्या: विटामिन B1 (थायमिन) की कमी से बेरी-बेरी रोग होता है, जो तंत्रिका तंत्र और हृदय को प्रभावित करता है। स्कर्वी विटामिन C की कमी से, रिकेट्स विटामिन D की कमी से और पेलाग्रा विटामिन B3 की कमी से होता है।
व्याख्या: पर्यावरण अध्ययन का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण संबंधी अवधारणाओं की समझ विकसित करना, आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करना, तथा पर्यावरण के प्रति सकारात्मक आदतें और नैतिक मूल्यों का विकास करना है।
व्याख्या: सामाजिक अध्ययन में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अवलोकन (observation) एक महत्वपूर्ण तरीका है, जिसके द्वारा छात्र समाज, उसके व्यवहारों और घटनाओं को समझ पाते हैं। हालांकि अन्य विकल्प भी संबंधित हैं, अवलोकन एक प्रत्यक्ष स्रोत है।
व्याख्या: जल चक्र एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सजीव (जैसे पेड़-पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा) और निर्जीव (जैसे पानी, वायुमंडल, सूर्य की ऊर्जा) घटक आपस में क्रिया करते हैं। आहार श्रृंखला, खाद्य जाल और शिकार मुख्य रूप से सजीव घटकों के बीच की अंतःक्रियाएं हैं।
व्याख्या: चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया तीनों ही मच्छर के काटने से फैलने वाले रोग हैं। हैजा और मियादी बुखार (टाइफाइड) दूषित पानी या भोजन से फैलते हैं।
व्याख्या: पर्यावरण में प्राकृतिक घटक (जैविक और अजैविक जैसे भूमि, जल, वायु, जीव) के साथ-साथ मानव निर्मित या सांस्कृतिक घटक (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक मूल्य और प्रथाएं) भी शामिल होते हैं।
व्याख्या: कहानियां और कविताएं बच्चों के अनुभवों और कल्पनाओं से जुड़कर सीखने के लिए एक प्रासंगिक, रुचिकर और संदर्भ-आधारित वातावरण बनाती हैं, जिससे विषय वस्तु को समझना आसान हो जाता है।
व्याख्या: बच्चों के दैनिक जीवन और उनके प्रत्यक्ष अनुभवों (जैसे उनके टिफिन बॉक्स का भोजन) से विषय का परिचय देना अधिक प्रभावी और रुचिकर होता है, क्योंकि वे खुद को विषय से जोड़ पाते हैं।
व्याख्या: तालाब के पारिस्थितिकी तंत्र में, शैवाल या छोटे पौधे उत्पादक होते हैं। उन पर निर्भर करने वाले छोटे कीड़े (जो पौधों को खाते हैं) प्राथमिक उपभोक्ता होते हैं। छोटी मछलियां जो इन कीड़ों को खाती हैं, वे द्वितीयक उपभोक्ता होती हैं।
133. ज्ञान निर्माण के संदर्भ में कौन सा कथन गलत है ?
व्याख्या: ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया में अनुभव (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) का होना अत्यंत आवश्यक है। रचनावादी दृष्टिकोण के अनुसार, ज्ञान अनुभवों के माध्यम से निर्मित होता है।
व्याख्या: बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 में अक्टूबर 2006 में संशोधन किया गया था, जिसके तहत घरेलू नौकर और होटल, ढाबे आदि में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के काम करने पर रोक लगाई गई।
व्याख्या: फास्फोरस चक्र एक अवसादी चक्र (sedimentary cycle) है, जिसका मुख्य भंडार पृथ्वी की पपड़ी (चट्टानों) में होता है। नाइट्रोजन, कार्बन और सल्फर चक्रों का मुख्य भंडार वायुमंडल में होता है, इसलिए वे गैसीय चक्र कहलाते हैं।
व्याख्या: चिड़ियाघर के जानवरों को बाहरी भोजन देना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और यह चिड़ियाघर के नियमों के विरुद्ध होता है। बाकी गतिविधियां सीखने और अवलोकन के लिए उपयुक्त हैं।
व्याख्या: हेरोइन, मॉर्फिन और अफीम सभी अफीम (Opium) से प्राप्त होने वाले नारकोटिक पदार्थ हैं, जिनका उपयोग दर्द निवारक और शामक (sedative) के रूप में किया जाता है और ये नींद को प्रेरित कर सकते हैं।
व्याख्या: सीखने की आधुनिक, बाल-केंद्रित पद्धतियों में शिक्षक की मुख्य भूमिका एक मार्गदर्शक (Facilitator/Guide) की होती है, जो बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में सही दिशा दिखाता है, उनकी सहायता करता है, और उन्हें सक्रिय रूप से ज्ञान का निर्माण करने के लिए प्रेरित करता है।
व्याख्या: बायोस्फीयर (जीवमंडल) पृथ्वी का वह हिस्सा है जहाँ जीवन मौजूद है। पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) बायोस्फीयर की एक कार्यात्मक और संरचनात्मक इकाई है, जहां जीव अपने पर्यावरण के सजीव और निर्जीव घटकों के साथ अंतःक्रिया करते हैं।
व्याख्या: साइकिल चलाना, तैरना और बच्चों का चलना सीखना मुख्य रूप से शारीरिक या गत्यात्मक (motor) कौशल हैं, जो अभ्यास और शारीरिक समन्वय पर आधारित होते हैं। जबकि भाषा सीखना एक संज्ञानात्मक (cognitive) कौशल है, जिसमें जटिल मानसिक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
व्याख्या: चित्र, तालिकाएं और प्रवाह रेखा चित्र (flowcharts) सभी जानकारी को व्यवस्थित, दृश्यमान और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने के प्रभावी तरीके हैं, जो छात्रों को अपनी समझ और ज्ञान को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
व्याख्या: रचनावादी अधिगम (Constructivist learning) में, छात्र अपने ज्ञान का निर्माण स्वयं करते हैं, लेकिन इसमें सहकर्मी शिक्षण और शिक्षक या अधिक जानकार व्यक्ति से मार्गदर्शन (scaffolding) और मदद लेना शामिल होता है। इसलिए, 'मदद नहीं मिलती' यह कथन गलत है।
व्याख्या: सर्वेक्षण और विश्लेषण के माध्यम से बच्चे पर्यावरण को ध्यान से देखते हैं (अवलोकन), उसे अनुभव करते हैं (महसूस करना) और इन अनुभवों व अवलोकनों को याद रखते हैं (याद रख पाना), जिससे उनकी पर्यावरण संबंधी समझ गहराई से विकसित होती है।
व्याख्या: पर्यावरण के प्रति बढ़ती चिंता का मुख्य कारण प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, और संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी मानव गतिविधियों के कारण पारिस्थितिकी तंत्र को हो रहा गंभीर और व्यापक नुकसान है।
व्याख्या: प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन सीखने के लिए सबसे प्रभावी शिक्षाशास्त्रीय पद्धति वह है जिसमें बच्चे सक्रिय रूप से भाग लें, एक-दूसरे से चर्चा करें और अपने अनुभवों को साझा करें (सहभागी अधिगम)। यह उन्हें विषय को गहराई से समझने में मदद करता है।
व्याख्या: नक्शे (Maps) आमतौर पर ऊपर से देखे गए (Plan view) दृश्यों पर आधारित होते हैं और इनमें किसी व्यक्ति विशेष के परिप्रेक्ष्य (perspective) या नजरिए का प्रभाव नहीं होता जैसा कि किसी चित्र में हो सकता है। नक्शे में संकेत (symbols), पैमाना (scale) और द्विविमीयता (two-dimensionality) होती है।
व्याख्या: आवासीय पुनर्वास केंद्रों (Residential Rehabilitation Centers) में व्यक्तियों को समाज में पुनः एकीकृत करने के लिए सामूहिक कार्य (group activities), मनोवैज्ञानिक परामर्श (psychological intervention), और सामाजिक कौशल प्रशिक्षण (social skills training) जैसे विभिन्न प्रकार के एकीकृत उपचार दिए जाते हैं।
व्याख्या: मनुष्य सर्वाहारी (Omnivore) होता है। जब वह सीधे पौधों या पौधों से प्राप्त उत्पादों (जैसे अनाज, फल, सब्जियां) का सेवन करता है तो वह प्राथमिक उपभोक्ता (Primary Consumer) होता है। जब वह उन जानवरों (जैसे मुर्गी, मछली) का सेवन करता है जो पौधों पर निर्भर करते हैं, तो वह द्वितीयक उपभोक्ता (Secondary Consumer) होता है।
व्याख्या: विज्ञान मुख्य रूप से कार्य-कारण संबंध, तुलना और तार्किकता पर केंद्रित होता है, जो नियम और सिद्धांतों को स्थापित करता है। जबकि सामाजिक अध्ययन इन पहलुओं का उपयोग करता है, इसका एक प्रमुख फोकस समाज, इतिहास और संस्कृति में समय के साथ होने वाली निरंतरता (continuity) और बदलावों (changes) की प्रक्रियाओं को समझना है, जो इसे विज्ञान से एक अलग पहचान देता है।
व्याख्या: भारतीय कानून के अनुसार (बाल श्रम निषेध और विनियमन अधिनियम, 1986, संशोधित 2016), किसी भी कारखाने या खतरनाक रोजगार में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखना प्रतिबंधित है।
दोस्तों हमारे द्वारा CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन (EVS) के इस सॉल्वड प्रश्न पत्र से संबंधित दी गई जानकारी कैसी लगी❓
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: यह प्रश्न पत्र किस परीक्षा का है?
यह प्रश्न पत्र CG TET (छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2019 के पेपर 1 (कक्षा 1 से 5) के पर्यावरण अध्ययन (EVS) खंड का है।
प्रश्न 2: क्या यह प्रश्न पत्र CTET या अन्य TET परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है?
हाँ, पर्यावरण अध्ययन का पाठ्यक्रम विभिन्न TET परीक्षाओं (जैसे CTET, UPTET, REET) में काफी हद तक समान होता है। इस प्रश्न पत्र का अभ्यास अन्य शिक्षक पात्रता परीक्षाओं की तैयारी में भी बहुत सहायक होगा।
प्रश्न 3: इस EVS खंड में कुल कितने प्रश्न हैं और प्रत्येक प्रश्न कितने अंक का है?
पर्यावरण अध्ययन खंड में कुल 30 प्रश्न हैं, और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। इस प्रकार कुल 30 अंक हैं।
प्रश्न 4: इस पोस्ट में दिए गए प्रश्नों के उत्तर भी उपलब्ध हैं?
हाँ, इस पोस्ट में प्रत्येक प्रश्न के बाद उसका सही उत्तर और एक संक्षिप्त व्याख्या प्रदान की गई है ताकि आपको अवधारणाओं को समझने में मदद मिल सके।
निष्कर्ष: आपकी सफलता ही हमारा लक्ष्य है
हमें पूरी उम्मीद है कि CG TET 2019 पर्यावरण अध्ययन (EVS) के इस सॉल्वड प्रश्न पत्र का विस्तृत संकलन और विश्लेषण आपकी शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी में एक मील का पत्थर साबित होगा। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को ईमानदारी से हल करना और उनका विश्लेषण करना परीक्षा की रणनीति बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
हम M S WORLD The WORLD of HOPE पर आपकी सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और अपनी तैयारी को निरंतर मजबूत करते रहें।
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जवाब देंहटाएंMaafi Chahunga Mai Apka Comment Achhe se Samajh Nahi Paya
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