मौलिक अधिकार (Fundamental Rights): संविधान भाग III (अनुच्छेद 12-35) सम्पूर्ण गाइड | M S WORLD
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights): भारतीय संविधान का मैग्ना कार्टा (UPSC, SSC向け)
परिचय: मौलिक अधिकार क्यों हैं संविधान की आत्मा?
भारतीय संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12 से 35) में वर्णित मौलिक अधिकार (Fundamental Rights या Mool Adhikar), वे आधारभूत मानवाधिकार हैं जो भारत के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त हैं। ये अधिकार व्यक्ति के समग्र विकास - बौद्धिक, नैतिक और आध्यात्मिक - के लिए अपरिहार्य माने जाते हैं और इन्हें देश के सर्वोच्च कानून, संविधान द्वारा संरक्षित किया गया है। इसीलिए भाग III को भारत का 'मैग्ना कार्टा' कहा जाता है।
ये अधिकार न केवल व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और समानता सुनिश्चित करते हैं, बल्कि राज्य की शक्तियों पर एक आवश्यक अंकुश भी लगाते हैं। UPSC, SSC, राज्य PSC जैसी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) के तहत मौलिक अधिकारों से प्रश्न निश्चित रूप से पूछे जाते हैं। "M S WORLD The WORLD of HOPE" के इस विशेष लेख में, हम मौलिक अधिकारों के प्रत्येक पहलू - उनकी प्रकृति, प्रकार, अपवाद, न्यायिक व्याख्याएं और परीक्षा उपयोगी तथ्यों को गहराई से समझेंगे।
मौलिक अधिकार: अर्थ और महत्व
मौलिक अधिकार वे न्यूनतम अधिकार हैं जो किसी व्यक्ति के गरिमापूर्ण जीवन और विकास के लिए इतने आवश्यक हैं कि उन्हें संविधान द्वारा विशेष संरक्षण प्राप्त है। इन्हें 'मौलिक' कहने के कारण:
- ये व्यक्ति के चहुंमुखी विकास (शारीरिक, मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक) के लिए आधार प्रदान करते हैं।
- ये संविधान द्वारा गारंटीकृत और संरक्षित हैं।
- ये देश के सामान्य कानूनों से ऊपर हैं; इनके विरुद्ध कोई कानून नहीं बनाया जा सकता (अनुच्छेद 13)।
- ये मुख्यतः राज्य के विरुद्ध नागरिकों को मिले हैं, ताकि राज्य सत्तावादी न बने।
- ये न्यायोचित (Justiciable) हैं, अर्थात इनके हनन पर सीधे अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय या अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय जाया जा सकता है।
लोकतंत्र की सफलता, कानून के शासन की स्थापना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मौलिक अधिकार अनिवार्य हैं।
मौलिक अधिकारों की प्रमुख विशेषताएं
- न्यायोचित प्रकृति: उल्लंघन पर न्यायालय द्वारा लागू करवाए जा सकते हैं।
- अत्यंतिक नहीं (Not Absolute): असीमित नहीं, युक्तियुक्त निर्बंधनों के अधीन।
- संशोधनीय (Amendable): संसद संशोधन कर सकती है, परन्तु 'मूल ढांचे' को प्रभावित किए बिना।
- नकारात्मक/सकारात्मक: कुछ राज्य पर सीमाएं लगाते हैं (उदा. Art 14), कुछ व्यक्ति को अधिकार देते हैं (उदा. Art 21A)।
- राज्य व व्यक्ति दोनों के विरुद्ध: अधिकांश राज्य के विरुद्ध, पर कुछ (Art 15(2), 17, 23, 24) निजी व्यक्तियों के विरुद्ध भी।
- निलंबन योग्य: राष्ट्रीय आपातकाल में Art 20, 21 को छोड़कर निलंबित हो सकते हैं।
- विदेशी और नागरिक: कुछ केवल नागरिकों को (15, 16, 19, 29, 30), अधिकांश सभी व्यक्तियों (नागरिक + विदेशी) को प्राप्त।
संविधान में वर्णित 6 मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35)
4.1 अनुच्छेद 12 (राज्य) और 13 (न्यायिक समीक्षा का आधार)
- अनुच्छेद 12 (Definition of State): मौलिक अधिकारों के संदर्भ में 'राज्य' में कौन शामिल है? - केंद्र सरकार/संसद, राज्य सरकार/विधानमंडल, स्थानीय निकाय (पंचायत, नगरपालिका), और अन्य सभी सरकारी या सरकार द्वारा नियंत्रित प्राधिकारी (जैसे LIC, ONGC, सरकारी विश्वविद्यालय)।
- अनुच्छेद 13 (Laws inconsistent with FRs): यह अनुच्छेद न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) का आधार है। यह घोषित करता है कि कोई भी कानून (संविधान-पूर्व या संविधान-पश्चात) यदि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो वह उल्लंघन की सीमा तक शून्य (Void) होगा। इसमें संसद/विधानमंडल के कानून, अध्यादेश, नियम, विनियम, अधिसूचना और यहां तक कि रूढ़ियां भी शामिल हैं।
वर्तमान में नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार प्राप्त हैं (संपत्ति का अधिकार, पूर्व में अनुच्छेद 31, अब अनुच्छेद 300-A के तहत कानूनी अधिकार है):
4.2 समानता का अधिकार (Right to Equality: Art 14-18)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 14 | विधि के समक्ष समता (ब्रिटिश अवधारणा) और विधियों का समान संरक्षण (अमेरिकी अवधारणा)। |
Art 15 | केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव निषेध। (अपवाद: महिला, बच्चे, SEBC, SC/ST, EWS)। |
Art 16 | लोक नियोजन (सरकारी नौकरी) में अवसर की समता। (अपवाद: निवास, SEBC, SC/ST, EWS, धार्मिक संस्था)। |
Art 17 | अस्पृश्यता (Untouchability) का अंत। (सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955)। |
Art 18 | उपाधियों का अंत (सैन्य और शैक्षणिक उपाधियां छोड़कर)। |
4.3 स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom: Art 19-22)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 19 | 6 स्वतंत्रताएं (केवल नागरिकों को): (a) वाक्-अभिव्यक्ति (प्रेस सहित), (b) शांतिपूर्ण सम्मेलन, (c) संगम/संघ/सहकारी समिति, (d) अबाध संचरण, (e) निवास, (g) व्यवसाय/व्यापार। (युक्तियुक्त निर्बंधन लागू)। |
Art 20 | अपराध दोषसिद्धि से संरक्षण: (1) भूतलक्षी दांडिक विधि नहीं, (2) दोहरा दंड नहीं, (3) स्व-अभिशंसन (खुद के खिलाफ गवाही) नहीं। |
Art 21 | प्राण और दैहिक स्वतंत्रता: विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के बिना वंचित नहीं किया जाएगा। (मेनका गांधी केस (1978) ने इसे 'गरिमापूर्ण जीवन' तक विस्तृत किया, इसमें निजता का अधिकार (पुट्टस्वामी केस, 2017), स्वास्थ्य, आश्रय, स्वच्छ पर्यावरण आदि शामिल हैं)। |
Art 21A | शिक्षा का अधिकार: 6-14 वर्ष के बच्चों हेतु निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा (86वां संशोधन, 2002)। |
Art 22 | गिरफ्तारी व निरोध से संरक्षण: (सामान्य विधि) कारण जानने, वकील करने, 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी का अधिकार। (निवारक निरोध) आधार जानने, अभ्यावेदन का अधिकार; 3 माह से अधिक निरोध हेतु सलाहकार बोर्ड। |
4.4 शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right against Exploitation: Art 23-24)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 23 | मानव दुर्व्यापार (तस्करी) और बलात् श्रम (बंधुआ मजदूरी) का निषेध। |
Art 24 | 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का कारखानों, खानों या जोखिम भरे कामों में नियोजन निषेध। |
4.5 धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion: Art 25-28)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 25 | अंतःकरण की स्वतंत्रता; धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने, प्रचार करने की स्वतंत्रता (सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य के अधीन)। |
Art 26 | धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता (धार्मिक संप्रदायों को)। |
Art 27 | किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि हेतु कर देने से स्वतंत्रता। |
Art 28 | राजकीय शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा का निषेध। |
4.6 संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural & Educational Rights: Art 29-30)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 29 | अल्पसंख्यकों (और नागरिकों के किसी भी वर्ग) को अपनी भाषा, लिपि, संस्कृति बनाए रखने का अधिकार। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में भेदभाव निषेध। |
Art 30 | अल्पसंख्यकों (धार्मिक/भाषाई) को अपनी रुचि के शिक्षण संस्थान स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार। |
4.7 संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies: Art 32)
अनुच्छेद | मुख्य प्रावधान |
---|---|
Art 32 | मौलिक अधिकारों के हनन पर सीधे उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार। न्यायालय रिट (Writs) जारी कर सकता है। डॉ. अंबेडकर द्वारा 'संविधान का हृदय और आत्मा' कहा गया। |
नोट: उच्च न्यायालय भी अनुच्छेद 226 के तहत रिट जारी कर सकते हैं।
4.8 अनुच्छेद 33, 34, 35 (विशेष प्रावधान)
- अनुच्छेद 33: संसद को बलों (सेना, पुलिस आदि) के मौलिक अधिकारों को सीमित करने की शक्ति।
- अनुच्छेद 34: मार्शल लॉ (सैन्य शासन) के दौरान मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध।
- अनुच्छेद 35: कुछ मौलिक अधिकारों (17, 23 आदि) हेतु कानून बनाने की शक्ति केवल संसद को।
अनुच्छेद 300-A: (भाग XII में) संपत्ति का अधिकार एक विधिक अधिकार है, मौलिक अधिकार नहीं।
परीक्षा हेतु मुख्य बातें (Key Takeaways)
- मौलिक अधिकार संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12-35) में हैं।
- इन्हें USA के संविधान (बिल ऑफ राइट्स) से लिया गया है।
- वर्तमान में 6 मौलिक अधिकार हैं (संपत्ति का अधिकार हटा दिया गया)।
- ये न्यायोचित हैं (उल्लंघन पर कोर्ट जा सकते हैं) और अत्यंतिक नहीं (प्रतिबंध लग सकते हैं)।
- अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30 केवल नागरिकों को प्राप्त हैं।
- अनुच्छेद 20 और 21 आपातकाल में भी निलंबित नहीं होते।
- अनुच्छेद 32 को संविधान की 'आत्मा और हृदय' कहा गया है (अंबेडकर)।
- उच्चतम न्यायालय (Art 32) और उच्च न्यायालय (Art 226) रिट जारी कर सकते हैं।
- संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, पर 'मूल ढांचे' को बदले बिना (केशवानन्द भारती केस)।
अनुच्छेद 32: संवैधानिक उपचार और रिट (Writs)
अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने का अधिकार देता है। उच्चतम न्यायालय (व अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय) 5 प्रकार की रिट जारी कर सकते हैं:
रिट (Writ) | शाब्दिक अर्थ | किसके विरुद्ध जारी? | उद्देश्य |
---|---|---|---|
बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) | 'शरीर को प्रस्तुत करो' | सरकारी/निजी व्यक्ति | अवैध हिरासत से मुक्ति। |
परमादेश (Mandamus) | 'हम आदेश देते हैं' | सार्वजनिक अधिकारी/निकाय/अधीनस्थ न्यायालय | सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करवाना। |
प्रतिषेध (Prohibition) | 'रोकना' | अधीनस्थ न्यायालय/अधिकरण | अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकना (कार्यवाही के दौरान)। |
उत्प्रेषण (Certiorari) | 'प्रमाणित होना/सूचना देना' | अधीनस्थ न्यायालय/अधिकरण/(प्रशासनिक प्राधिकारी भी) | लंबित मामले को ऊपर मंगाना या निर्णय रद्द करना (निर्णय के बाद)। |
अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) | 'किस अधिकार से?' | सार्वजनिक पद पर अवैध दावा करने वाला व्यक्ति | पद पर दावे की वैधता जांचना। |
मौलिक अधिकारों पर युक्तियुक्त निर्बंधन
मौलिक अधिकार असीमित नहीं हैं। संविधान स्वयं ही लोक व्यवस्था, सदाचार, स्वास्थ्य, भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों से मैत्रीपूर्ण संबंध, मानहानि, अपराध-उद्दीपन आदि के आधार पर इन पर 'युक्तियुक्त निर्बंधन' (Reasonable Restrictions) लगाने की अनुमति देता है। इन प्रतिबंधों की युक्तियुक्तता का निर्धारण न्यायपालिका करती है।
मौलिक अधिकारों की संशोधनीयता और मूल ढांचा
क्या संसद मौलिक अधिकारों को कम कर सकती है? इस पर प्रमुख न्यायिक निर्णय:
- गोलकनाथ मामला (1967): संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।
- 24वां संशोधन (1971): संसद ने कहा कि वह Art 368 के तहत किसी भी भाग (मौलिक अधिकारों सहित) में संशोधन कर सकती है।
- केशवानन्द भारती मामला (1973): संसद संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के 'मूल ढांचे' (Basic Structure) को नष्ट नहीं कर सकती। मौलिक अधिकार इस मूल ढांचे का अभिन्न अंग हैं।
अतः, संसद मौलिक अधिकारों को सीमित कर सकती है या उनमें परिवर्तन कर सकती है, परन्तु इस शक्ति की सीमा 'मूल ढांचा' है, जिसकी व्याख्या समय-समय पर न्यायपालिका करती है।
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अभ्यास प्रश्न (MCQs for Competitive Exams)
मौलिक अधिकारों पर अपनी समझ का परीक्षण करने के लिए नीचे 50 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं:
प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस भाग को 'भारत का मैग्ना कार्टा' कहा जाता है?
उत्तर: (c) भाग III
प्रश्न 2: मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में वर्णित हैं?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 12-35
प्रश्न 3: भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों की अवधारणा किस देश के संविधान से ली गई है?
उत्तर: (c) संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी मौलिक अधिकारों की विशेषता नहीं है?
उत्तर: (b) ये असीमित हैं (ये असीमित नहीं, बल्कि युक्तियुक्त निर्बंधनों के अधीन हैं)
प्रश्न 5: अनुच्छेद 12 के तहत 'राज्य' की परिभाषा में कौन शामिल नहीं है?
उत्तर: (d) न्यायपालिका (अपने न्यायिक कार्यों के निर्वहन में, हालांकि प्रशासनिक कार्यों में राज्य मानी जा सकती है)
प्रश्न 6: 'विधि के समक्ष समता' का अधिकार किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (a) अनुच्छेद 14
प्रश्न 7: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 15
प्रश्न 8: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता किस अनुच्छेद में दी गई है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 16
प्रश्न 9: अस्पृश्यता का अंत किस अनुच्छेद द्वारा किया गया है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 17
प्रश्न 10: उपाधियों का अंत किस अनुच्छेद से संबंधित है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 18
प्रश्न 11: अनुच्छेद 19 के तहत वर्तमान में कितने प्रकार की स्वतंत्रताएं गारंटीकृत हैं?
उत्तर: (b) 6 (संपत्ति की स्वतंत्रता हटा दी गई है)
प्रश्न 12: प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of Press) किस मौलिक अधिकार में निहित है?
उत्तर: (a) अनुच्छेद 19(1)(a) - वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
प्रश्न 13: अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 20
प्रश्न 14: 'दोहरे दंड का निषेध' (No double jeopardy) का क्या अर्थ है?
उत्तर: (a) एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बार अभियोजित और दंडित नहीं किया जा सकता
प्रश्न 15: प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 21
प्रश्न 16: किस मामले के बाद अनुच्छेद 21 का दायरा अत्यंत विस्तृत हो गया?
उत्तर: (c) मेनका गांधी मामला (1978)
प्रश्न 17: शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A) किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
उत्तर: (c) 86वां संशोधन (2002)
प्रश्न 18: अनुच्छेद 21A के तहत किस आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है?
उत्तर: (b) 6 से 14 वर्ष
प्रश्न 19: गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण किस अनुच्छेद में दिया गया है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 22
प्रश्न 20: सामान्य विधि के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को कितने समय के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है (यात्रा समय छोड़कर)?
उत्तर: (b) 24 घंटे
प्रश्न 21: निवारक निरोध (Preventive Detention) का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: (b) व्यक्ति को अपराध करने से रोकना
प्रश्न 22: मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 23
प्रश्न 23: कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 24 (14 वर्ष से कम आयु)
प्रश्न 24: अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 25
प्रश्न 25: धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता किस अनुच्छेद के तहत है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 26
प्रश्न 26: किस अनुच्छेद के तहत राज्य किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए कर नहीं लगा सकता?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 27
प्रश्न 27: अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 29
प्रश्न 28: शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार किस अनुच्छेद में है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 30
प्रश्न 29: भारत में अल्पसंख्यक वर्ग का निर्धारण किस आधार पर होता है?
उत्तर: (c) धर्म और भाषा दोनों (अनुच्छेद 30 के अनुसार)
प्रश्न 30: किस मौलिक अधिकार को डॉ. अंबेडकर ने संविधान का 'हृदय और आत्मा' कहा था?
उत्तर: (d) संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
प्रश्न 31: मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर रिट जारी करने की शक्ति किसे प्राप्त है?
उत्तर: (c) उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) दोनों
प्रश्न 32: 'बंदी प्रत्यक्षीकरण' (Habeas Corpus) रिट का क्या अर्थ है?
उत्तर: (b) शरीर को प्रस्तुत करो
प्रश्न 33: कौन सी रिट किसी सार्वजनिक पदाधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य निभाने का आदेश देने के लिए जारी की जाती है?
उत्तर: (b) परमादेश (Mandamus)
प्रश्न 34: कौन सी रिट किसी अधीनस्थ न्यायालय को कार्यवाही रोकने के लिए जारी की जाती है?
उत्तर: (b) प्रतिषेध (Prohibition)
प्रश्न 35: किस रिट का उद्देश्य किसी सार्वजनिक पद पर किसी व्यक्ति के दावे की वैधता की जांच करना है?
उत्तर: (d) अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
प्रश्न 36: संपत्ति का अधिकार अब एक:
उत्तर: (b) कानूनी (विधिक) अधिकार है (अनुच्छेद 300-A)
प्रश्न 37: संपत्ति के अधिकार को किस संविधान संशोधन द्वारा मौलिक अधिकारों से हटाया गया?
उत्तर: (b) 44वां संशोधन (1978)
प्रश्न 38: राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 20 और 21
प्रश्न 39: सशस्त्र बलों के सदस्यों के मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित करने की शक्ति किसे है?
उत्तर: (c) संसद (अनुच्छेद 33)
प्रश्न 40: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 15 (अन्य विकल्प: 16, 19, 29, 30)
प्रश्न 41: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार विदेशी नागरिकों को भी प्राप्त है?
उत्तर: (d) अनुच्छेद 21 (अन्य विकल्प: 14, 20, 21A, 22, 23, 24, 25-28)
प्रश्न 42: 'संविधान का मूल ढांचा' (Basic Structure) का सिद्धांत किस मामले में प्रतिपादित किया गया?
उत्तर: (b) केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य (1973)
प्रश्न 43: क्या संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है?
उत्तर: (c) हाँ, लेकिन संविधान के मूल ढांचे को नष्ट किए बिना
प्रश्न 44: अनुच्छेद 13 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: (c) मौलिक अधिकारों का संरक्षण और न्यायिक समीक्षा का आधार प्रदान करना
प्रश्न 45: सहकारी समिति बनाने का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत एक मौलिक अधिकार है?
उत्तर: (b) अनुच्छेद 19(1)(c) (97वें संशोधन, 2011 द्वारा जोड़ा गया)
प्रश्न 46: 'निजता का अधिकार' (Right to Privacy) को किस अनुच्छेद के तहत मौलिक अधिकार माना गया है?
उत्तर: (c) अनुच्छेद 21 (पुट्टस्वामी मामला, 2017)
प्रश्न 47: मौलिक अधिकारों का निलंबन (आपातकाल के दौरान) किस देश के संविधान से प्रेरित है?
उत्तर: (c) जर्मनी (वाइमर संविधान)
प्रश्न 48: अनुच्छेद 35 के अनुसार, कुछ मौलिक अधिकारों (जैसे अस्पृश्यता दंड हेतु) को प्रभावी बनाने हेतु कानून बनाने की शक्ति किसके पास है?
उत्तर: (a) केवल संसद
प्रश्न 49: राज्य निधि से पूर्णतः पोषित शिक्षण संस्थान में धार्मिक शिक्षा दी जा सकती है?
उत्तर: (b) नहीं (अनुच्छेद 28 के अनुसार)
प्रश्न 50: रिट जारी करने के मामले में किसका अधिकार क्षेत्र व्यापक है?
उत्तर: (b) उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) (क्योंकि वे मौलिक अधिकारों के अलावा अन्य प्रयोजनों के लिए भी रिट जारी कर सकते हैं)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: मौलिक अधिकार क्या हैं?
उत्तर: मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12-35) में वर्णित वे आधारभूत अधिकार हैं जो भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त हैं। ये व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक हैं और संविधान द्वारा गारंटीकृत एवं संरक्षित हैं।
प्रश्न: इन्हें 'मौलिक' क्यों कहा जाता है?
उत्तर: इन्हें 'मौलिक' कहा जाता है क्योंकि ये व्यक्ति के विकास के लिए मूलभूत या बुनियादी हैं, इन्हें संविधान द्वारा विशेष संरक्षण प्राप्त है, और ये देश के सामान्य कानूनों से ऊपर हैं। ये न्यायोचित भी हैं।
प्रश्न: कौन से मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं?
उत्तर: अनुच्छेद 15 (भेदभाव का निषेध), अनुच्छेद 16 (लोक नियोजन में अवसर की समता), अनुच्छेद 19 (स्वतंत्रता संबंधी 6 अधिकार), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और अनुच्छेद 30 (शिक्षण संस्थानों की स्थापना का अधिकार) केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त हैं।
प्रश्न: क्या मौलिक अधिकारों में संशोधन किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, संसद अनुच्छेद 368 के तहत मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, लेकिन केशवानन्द भारती मामले (1973) के अनुसार, वह संविधान के 'मूल ढांचे' (Basic Structure) को नष्ट नहीं कर सकती। मौलिक अधिकार मूल ढांचे का हिस्सा हैं।
प्रश्न: अनुच्छेद 32 का क्या महत्व है?
उत्तर: अनुच्छेद 32 'संवैधानिक उपचारों का अधिकार' प्रदान करता है। यह स्वयं एक मौलिक अधिकार है जो अन्य मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे उच्चतम न्यायालय जाने की गारंटी देता है। न्यायालय रिट जारी करके अधिकारों को लागू करवाता है। इसी कारण डॉ. अंबेडकर ने इसे 'संविधान का हृदय और आत्मा' कहा था।
प्रश्न: मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: मुख्य अंतर हैं: 1) मौलिक अधिकार (भाग III) न्यायोचित हैं (उल्लंघन पर कोर्ट जा सकते हैं), जबकि DPSP (भाग IV) गैर-न्यायोचित हैं। 2) मौलिक अधिकार मुख्यतः राजनीतिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं और राज्य पर नकारात्मक दायित्व डालते हैं, जबकि DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र का लक्ष्य रखते हैं और राज्य पर सकारात्मक दायित्व डालते हैं। 3) मौलिक अधिकार व्यक्ति-केंद्रित हैं, जबकि DPSP समाज-केंद्रित हैं।
समापन और आगे की राह
मौलिक अधिकार भारतीय लोकतंत्र और संविधान की आधारशिला हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, State PSC, SSC आदि) के लिए इनका गहन अध्ययन अपरिहार्य है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये अधिकार स्थिर नहीं हैं, बल्कि न्यायिक व्याख्याओं और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित होते रहे हैं।
"M S WORLD The WORLD of HOPE" आशा करता है कि यह विस्तृत लेख (जिसमें अनुच्छेद 12-35 का विश्लेषण, रिट्स, विशेषताएं, प्रमुख मामले, MCQs और FAQs शामिल हैं) आपकी तैयारी में मील का पत्थर साबित होगा। मौलिक अधिकारों की समझ को और पुख्ता करने के लिए, संविधान के अन्य भागों जैसे राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) और मौलिक कर्तव्यों का अध्ययन भी आवश्यक है।
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