मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) Article 51A: जानें सब कुछ! 50+ MCQ & FAQ | M S WORLD

मूल कर्तव्य (Mool Kartavya): सम्पूर्ण जानकारी, 50 MCQ, FAQ | M S WORLD

मूल कर्तव्य (Mool Kartavya): अधिकार और ज़िम्मेदारी का संतुलन | सम्पूर्ण जानकारी, 50 MCQ और FAQ

चैनल: M S WORLD The WORLD of HOPE (msworldhindi.blogspot.com)

परिचय (Introduction)

नमस्कार दोस्तों! "M S WORLD The WORLD of HOPE" में आपका स्वागत है। आज हम भारतीय संविधान के एक बेहद महत्वपूर्ण, पर अक्सर अनदेखे पहलू - मूल कर्तव्यों (Fundamental Duties) पर गहराई से चर्चा करेंगे। जहाँ हम अक्सर अपने मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) की बात करते हैं, वहीं एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं। ये कर्तव्य राष्ट्र निर्माण, एकता और अखंडता के लिए आवश्यक हैं। ये हमें याद दिलाते हैं कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और एक बेहतर भारत बनाने की आशा इन्हीं के संतुलन में निहित है।

यह ब्लॉग पोस्ट विशेष रूप से छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, State PSC, SSC, Railways, Banking, etc.) की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इसमें हम मूल कर्तव्यों के इतिहास, महत्व, सूची से लेकर उनकी कानूनी स्थिति, नीति निदेशक तत्वों से तुलना, महत्वपूर्ण न्यायिक संदर्भ और परीक्षाओं के लिए प्रासंगिक महत्वपूर्ण प्रश्नों (MCQs) और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) को शामिल करेंगे। तो चलिए, ज्ञान और आशा की इस यात्रा में आगे बढ़ते हैं!

1. मूल कर्तव्य क्या हैं? (What are Fundamental Duties?)

परिभाषा और अवधारणा

मूल कर्तव्य वे बुनियादी दायित्व हैं जो भारत के प्रत्येक नागरिक से अपने देश, समाज और साथी नागरिकों के प्रति निभाने की अपेक्षा की जाती है। ये संविधान के भाग IV-A, अनुच्छेद 51A में सूचीबद्ध हैं।

उद्देश्य और दर्शन

इनका उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारियों का भी एहसास कराना है ताकि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके। ये नागरिकों में अनुशासन, प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति समर्पण की भावना को बढ़ावा देते हैं।

2. मूल कर्तव्यों का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (Historical Background)

स्वर्ण सिंह समिति (Sardar Swaran Singh Committee)

आपातकाल (1975-77) के दौरान महसूस किया गया कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी समावेश संविधान में होना चाहिए। इसके लिए 1976 में सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया गया। समिति ने संविधान में मूल कर्तव्यों के एक अलग अध्याय की सिफारिश की।

42वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1976

समिति की सिफारिशों के आधार पर, 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में एक नया भाग IV-A और अनुच्छेद 51A जोड़ा गया, जिसमें 10 मूल कर्तव्य शामिल किए गए। इसे 'लघु संविधान' (Mini Constitution) भी कहा जाता है।

प्रेरणा का स्रोत

इनकी प्रेरणा तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) के संविधान से ली गई थी, साथ ही जापानी संविधान में भी कर्तव्यों का उल्लेख मिलता है।

86वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2002

11वां मूल कर्तव्य 2002 में 86वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया, जो 6 से 14 वर्ष के बच्चों की शिक्षा से संबंधित है।

3. भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य (अनुच्छेद 51A) - सूची (स्पष्टीकरण सहित)

अनुच्छेद 51A के अनुसार, भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह:

  1. संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;
  3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे; (यह कर्तव्य विशेष रूप से 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' जैसे विचारों के संदर्भ में भी एकता को महत्व देता है।)
  4. देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
  5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं;
  6. हमारी सामासिक संस्कृति (Composite Culture) की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;

    स्पष्टीकरण: सामासिक संस्कृति का अर्थ है भारत की विविध संस्कृतियों (विभिन्न धर्मों, भाषाओं, क्षेत्रों, परंपराओं) का मिश्रण और उनकी एकता। यह गंगा-जमुनी तहज़ीब या विविधता में एकता का प्रतीक है। इसका सम्मान और संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है।

  7. प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे; (प्राकृतिक संरक्षण हेतु कानूनों के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम देखें।)
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Temper), मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;

    स्पष्टीकरण: वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अर्थ है तर्क, कारण और प्रमाण के आधार पर सोचना, अंधविश्वासों और रूढ़ियों से ऊपर उठकर ज्ञान प्राप्त करना और सुधार की इच्छा रखना। मानववाद का अर्थ है मानव कल्याण और मूल्यों को प्राथमिकता देना।

  9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
  10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले;
  11. यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे। (यह कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन, 2002 द्वारा जोड़ा गया)

4. मूल कर्तव्यों की विशेषताएँ (Features)

  • नैतिक और नागरिक कर्तव्य: इनमें नैतिक (जैसे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों का सम्मान) और नागरिक (जैसे संविधान का पालन) दोनों तरह के कर्तव्य शामिल हैं।
  • भारतीय जीवन पद्धति का अभिन्न अंग: ये कर्तव्य भारतीय परंपरा, पौराणिक कथाओं, धर्म और पद्धतियों से भी संबंधित हैं।
  • गैर-न्यायोचित (Non-justiciable): यह इनकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। इनके उल्लंघन पर सीधे अदालत द्वारा सज़ा नहीं दी जा सकती।
  • केवल नागरिकों के लिए: ये कर्तव्य केवल भारतीय नागरिकों पर लागू होते हैं, विदेशियों पर नहीं।
  • मौलिक अधिकारों के पूरक: ये अधिकारों से अलग नहीं हैं, बल्कि उनके पूरक के रूप में कार्य करते हैं।

5. मूल कर्तव्यों का महत्व (Importance - न्यायिक संदर्भ सहित)

  • नागरिकों में अनुशासन और प्रतिबद्धता बढ़ाना।
  • राष्ट्र-विरोधी और समाज-विरोधी गतिविधियों (जैसे झंडा जलाना, सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करना) के खिलाफ चेतावनी।
  • नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ कर्तव्यों का स्मरण कराना।
  • कानूनों की संवैधानिक वैधता की व्याख्या में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के लिए सहायक।
    उदाहरण के लिए, एम्स छात्र संघ बनाम एम्स (AIIMS Students' Union vs AIIMS, 2001) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यद्यपि मूल कर्तव्य सीधे तौर पर लागू करने योग्य नहीं हैं, लेकिन उन्हें मौलिक अधिकारों सहित संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसी तरह, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई मामलों में अनुच्छेद 51A(g) का हवाला दिया गया है।
  • सक्रिय नागरिकता और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी को प्रोत्साहन देना। (सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश - CJI की भूमिका भी संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।)

7. मूल कर्तव्य और नीति निदेशक तत्व (संक्षिप्त तुलना)

मूल कर्तव्य (भाग IV-A) और राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP - भाग IV) दोनों ही संविधान में गैर-न्यायोचित (Non-justiciable) हैं, लेकिन उनमें महत्वपूर्ण अंतर हैं:

  • दायित्व का पक्ष: मूल कर्तव्य नागरिकों के दायित्व हैं, जबकि नीति निदेशक तत्व राज्य (सरकार) के कर्तव्य हैं जिन्हें नीतियां बनाते और कानून लागू करते समय ध्यान में रखना चाहिए।
  • उद्देश्य: मूल कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिकों में जिम्मेदारी और अनुशासन लाना है, जबकि DPSP का उद्देश्य भारत को एक कल्याणकारी राज्य (Welfare State) बनाना है।
  • सामग्री: मूल कर्तव्य नागरिकों के आचरण और व्यवहार से संबंधित हैं, जबकि DPSP सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के व्यापक सिद्धांतों से संबंधित हैं।

8. मूल कर्तव्यों की आलोचना (Criticism)

  • अपूर्ण सूची: आलोचकों का कहना है कि इसमें मतदान करना, कर अदा करना, परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कर्तव्य शामिल नहीं हैं।
  • अस्पष्टता: कुछ कर्तव्य जैसे 'उच्च आदर्श', 'सामासिक संस्कृति', 'वैज्ञानिक दृष्टिकोण' आम आदमी के लिए अस्पष्ट और समझने में कठिन हैं (हालांकि हमने ऊपर स्पष्ट करने का प्रयास किया है)।
  • गैर-न्यायोचित प्रकृति: इसे सबसे बड़ी आलोचना माना जाता है, क्योंकि इसके कारण ये मात्र 'नैतिक उपदेश' बनकर रह जाते हैं।
  • अति आवश्यक नहीं: कुछ आलोचक मानते हैं कि इन्हें संविधान में शामिल करना जरूरी नहीं था, क्योंकि ये कर्तव्य वैसे भी नागरिकों से अपेक्षित होते हैं।
  • शामिल करने का समय: इन्हें आपातकाल के दौरान शामिल किया गया था, जिसे लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय माना जाता है, इसलिए इसकी मंशा पर भी सवाल उठाए जाते हैं।

9. मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्य में संबंध (Relationship)

मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्य एक-दूसरे से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे के पूरक हैं।

अधिकार बिना कर्तव्यों के निरंकुश हो सकते हैं, और कर्तव्य बिना अधिकारों के दमनकारी। एक संतुलित लोकतंत्र के लिए दोनों आवश्यक हैं।
  • अधिकार नागरिकों को सशक्त बनाते हैं, जबकि कर्तव्य उन्हें जिम्मेदार बनाते हैं।
  • जहां अधिकार राज्य पर सीमाएं लगाते हैं, वहीं कर्तव्य नागरिकों पर दायित्व डालते हैं।
  • एक के बिना दूसरे का अस्तित्व अधूरा है। यदि नागरिक केवल अधिकारों की मांग करें और कर्तव्यों का पालन न करें, तो समाज में अराजकता फैल सकती है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने कई निर्णयों में कहा है कि मौलिक अधिकारों को मूल कर्तव्यों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए और दोनों के बीच संतुलन आवश्यक है।
  • उदाहरण के लिए, वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19) हमें बोलने की आजादी देता है, लेकिन मूल कर्तव्य हमें भारत की एकता और अखंडता बनाए रखने (कर्तव्य 'ग') और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करने (कर्तव्य 'झ') की याद दिलाते हैं।
  • इसी तरह, शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A) बच्चों का मौलिक अधिकार है, वहीं माता-पिता का यह मूल कर्तव्य (कर्तव्य 'ट') है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

10. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्व (Importance for Competitive Exams)

मूल कर्तव्य भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। UPSC, राज्य लोक सेवा आयोग (State PSCs), SSC, रेलवे, बैंकिंग और अन्य सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:

  • प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): सीधे तौर पर अनुच्छेद 51A, कर्तव्यों की सूची, संशोधन (42वां और 86वां), स्वर्ण सिंह समिति, कर्तव्यों की प्रकृति (न्यायोचित/गैर-न्यायोचित), DPSP से तुलना से संबंधित तथ्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • मुख्य परीक्षा (Mains): कर्तव्यों के महत्व, उनकी आलोचना, मौलिक अधिकारों के साथ उनके संबंध, कानूनी स्थिति और प्रवर्तनीयता, न्यायिक व्याख्या पर विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  • साक्षात्कार (Interview): उम्मीदवारों से उनकी नागरिक जिम्मेदारी और कर्तव्यों के प्रति उनकी समझ पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

इस टॉपिक की अच्छी समझ न केवल परीक्षा में अंक लाने में मदद करती है, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमारे ज्ञान को भी बढ़ाती है।

11. 50 महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) - उत्तर सहित

  1. भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को किस देश के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया?
    (A) अमेरिका (B) आयरलैंड (C) पूर्व सोवियत संघ (USSR) (D) ब्रिटेन
    उत्तर: (C)
  2. किस समिति की सिफारिशों पर मूल कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया?
    (A) बलवंत राय मेहता समिति (B) स्वर्ण सिंह समिति (C) अशोक मेहता समिति (D) वर्मा समिति
    उत्तर: (B)
  3. मूल कर्तव्यों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
    (A) 44वां संशोधन (B) 24वां संशोधन (C) 42वां संशोधन (D) 86वां संशोधन
    उत्तर: (C)
  4. भारतीय संविधान के किस भाग में मूल कर्तव्यों का उल्लेख है?
    (A) भाग III (B) भाग IV (C) भाग IV-A (D) भाग V
    उत्तर: (C)
  5. वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल कितने मूल कर्तव्य हैं?
    (A) 10 (B) 11 (C) 12 (D) 9
    उत्तर: (B)
  6. निम्नलिखित में से कौन सा एक मूल कर्तव्य नहीं है?
    (A) राष्ट्रगान का आदर करना (B) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना (C) करों का भुगतान करना (D) देश की रक्षा करना
    उत्तर: (C)
  7. 11वां मूल कर्तव्य किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
    (A) 42वां संशोधन, 1976 (B) 44वां संशोधन, 1978 (C) 86वां संशोधन, 2002 (D) 91वां संशोधन, 2003
    उत्तर: (C)
  8. मूल कर्तव्यों की प्रकृति कैसी है?
    (A) न्यायोचित (Justiciable) (B) गैर-न्यायोचित (Non-justiciable) (C) कुछ न्यायोचित, कुछ गैर-न्यायोचित (D) इनमें से कोई नहीं
    उत्तर: (B)
  9. 'वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानववाद का विकास करना' किस अनुच्छेद के अंतर्गत एक मूल कर्तव्य है?
    (A) अनुच्छेद 51A (छ) (B) अनुच्छेद 51A (ज) (C) अनुच्छेद 51A (झ) (D) अनुच्छेद 51A (ञ)
    उत्तर: (B) - Article 51A (h)
  10. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना, यह कर्तव्य किस स्थान पर है?
    (A) पहले (B) दूसरे (C) तीसरे (D) चौथे
    उत्तर: (C) - 51A(c)
  11. किस मूल कर्तव्य के तहत राष्ट्रीय पर्यावरण की रक्षा का प्रावधान है?
    (A) 51A (ङ) (B) 51A (च) (C) 51A (छ) (D) 51A (ज)
    उत्तर: (C) - Article 51A (g)
  12. स्वर्ण सिंह समिति ने मूलतः कितने मूल कर्तव्यों को जोड़ने का सुझाव दिया था?
    (A) 10 (B) 11 (C) 8 (D) 12
    उत्तर: (C) - समिति ने 8 का सुझाव दिया था, सरकार ने 10 जोड़े।
  13. कौन सा मूल कर्तव्य 'सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा' से संबंधित है?
    (A) 51A (ङ) (B) 51A (च) (C) 51A (छ) (D) 51A (ज)
    उत्तर: (B) - Article 51A (f)
  14. मूल कर्तव्यों को लागू कराने के लिए कौन कानून बना सकता है?
    (A) केवल सर्वोच्च न्यायालय (B) केवल राष्ट्रपति (C) संसद (D) राज्य विधानमंडल
    उत्तर: (C)
  15. निम्नलिखित में से किस समिति ने मूल कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी प्रावधानों की पहचान की?
    (A) स्वर्ण सिंह समिति (B) सरकारिया आयोग (C) वर्मा समिति (D) प्रशासनिक सुधार आयोग
    उत्तर: (C)
  16. मूल कर्तव्य भारतीय संविधान में किस वर्ष जोड़े गए?
    (A) 1950 (B) 1976 (C) 1978 (D) 2002
    उत्तर: (B)
  17. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करना क्या एक मूल कर्तव्य है?
    (A) हाँ (B) नहीं (C) केवल लोकसभा सदस्यों के लिए (D) केवल राज्यसभा सदस्यों के लिए
    उत्तर: (B)
  18. "सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें" - यह कौन सा मूल कर्तव्य है?
    (A) 51A (छ) (B) 51A (ज) (C) 51A (झ) (D) 51A (ञ)
    उत्तर: (C) - Article 51A (i)
  19. मूल कर्तव्यों का विचार किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान संविधान में शामिल किया गया?
    (A) जवाहरलाल नेहरू (B) लाल बहादुर शास्त्री (C) इंदिरा गांधी (D) मोरारजी देसाई
    उत्तर: (C)
  20. क्या मूल कर्तव्य विदेशियों पर लागू होते हैं?
    (A) हाँ (B) नहीं (C) केवल मित्र देशों के नागरिकों पर (D) केवल राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों पर
    उत्तर: (B)
  21. अनुच्छेद 51A(k) के तहत कितने वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना माता-पिता का कर्तव्य है?
    (A) 0 से 6 वर्ष (B) 6 से 14 वर्ष (C) 14 से 18 वर्ष (D) 0 से 14 वर्ष
    उत्तर: (B)
  22. निम्नलिखित में से कौन सा कथन मूल कर्तव्यों के बारे में सही नहीं है?
    (A) इन्हें संवैधानिक प्रक्रिया से ही संशोधित किया जा सकता है। (B) ये भारत के सभी नागरिकों के लिए हैं। (C) इनका उल्लंघन सीधे तौर पर दंडनीय अपराध है। (D) ये मौलिक अधिकारों के पूरक हैं।
    उत्तर: (C)
  23. मूल कर्तव्यों को संविधान के किस अनुच्छेद में रखा गया है?
    (A) अनुच्छेद 14 (B) अनुच्छेद 32 (C) अनुच्छेद 51 (D) अनुच्छेद 51A
    उत्तर: (D)
  24. "स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें" - यह कौन सा मूल कर्तव्य है?
    (A) 51A (क) (B) 51A (ख) (C) 51A (ग) (D) 51A (घ)
    उत्तर: (B) - Article 51A (b)
  25. क्या मूल कर्तव्य संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा हैं?
    (A) हाँ (B) नहीं (C) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित (D) निश्चित नहीं है
    उत्तर: (B) - ये बाद में जोड़े गए थे, हालांकि इनके महत्व पर बहस है।
  26. "देश की रक्षा करें और आह्वान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करें" - यह किस प्रकार का कर्तव्य है?
    (A) नैतिक कर्तव्य (B) नागरिक कर्तव्य (C) कानूनी कर्तव्य (D) सामाजिक कर्तव्य
    उत्तर: (B)
  27. मूल कर्तव्यों को शामिल करते समय भारत के राष्ट्रपति कौन थे?
    (A) वी.वी. गिरि (B) फ़ख़रुद्दीन अली अहमद (C) नीलम संजीव रेड्डी (D) ज्ञानी जैल सिंह
    उत्तर: (B) - 1976 में फ़ख़रुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति थे।
  28. संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों का सम्मान करना किस मूल कर्तव्य के अंतर्गत आता है?
    (A) 51A (क) (B) 51A (ख) (C) 51A (ग) (D) 51A (घ)
    उत्तर: (A) - Article 51A (a)
  29. निम्नलिखित में से कौन सा अधिनियम मूल कर्तव्य 51A(g) (पर्यावरण संरक्षण) को लागू करने में मदद करता है?
    (A) आयकर अधिनियम (B) सूचना का अधिकार अधिनियम (C) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 (D) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
    उत्तर: (C)
  30. किस मूल कर्तव्य में 'भ्रातृत्व' (भाईचारे) की भावना को बढ़ावा देने की बात कही गई है?
    (A) 51A (ग) (B) 51A (घ) (C) 51A (ङ) (D) 51A (च)
    उत्तर: (C) - Article 51A (e)
  31. 42वें संशोधन द्वारा कितने मूल कर्तव्य जोड़े गए थे?
    (A) 8 (B) 9 (C) 10 (D) 11
    उत्तर: (C)
  32. राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना - यह कैसा कर्तव्य है?
    (A) केवल नैतिक (B) केवल नागरिक (C) नैतिक और नागरिक दोनों (D) कानूनी
    उत्तर: (B) - यह स्पष्ट रूप से नागरिक कर्तव्य है।
  33. स्वर्ण सिंह समिति का गठन किस वर्ष किया गया था?
    (A) 1975 (B) 1976 (C) 1977 (D) 1978
    उत्तर: (B)
  34. क्या न्यायपालिका मूल कर्तव्यों के आधार पर कोई निर्देश जारी कर सकती है?
    (A) हाँ, सीधे तौर पर (B) नहीं, कभी नहीं (C) कानूनों की व्याख्या करते समय विचार कर सकती है (D) केवल संसद की अनुमति से
    उत्तर: (C)
  35. "व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें" - यह कौन सा मूल कर्तव्य है?
    (A) 51A (ज) (B) 51A (झ) (C) 51A (ञ) (D) 51A (ट)
    उत्तर: (C) - Article 51A (j)
  36. वर्मा समिति (1999) का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    (A) नए मूल कर्तव्य जोड़ना (B) मूल कर्तव्यों को हटाना (C) मूल कर्तव्यों के प्रवर्तन और जागरूकता के लिए उपायों की पहचान करना (D) मूल कर्तव्यों की आलोचना करना
    उत्तर: (C)
  37. मूल कर्तव्य किस भाग के बाद आते हैं?
    (A) भाग III (मौलिक अधिकार) (B) भाग IV (नीति निदेशक तत्व) (C) भाग V (संघ सरकार) (D) भाग II (नागरिकता)
    उत्तर: (B) - भाग IV के बाद भाग IV-A आता है।
  38. 86वां संविधान संशोधन मुख्य रूप से किससे संबंधित था?
    (A) पंचायती राज (B) शिक्षा का अधिकार (C) दलबदल विरोधी कानून (D) वस्तु एवं सेवा कर (GST)
    उत्तर: (B)
  39. निम्नलिखित में से कौन सा सुझाव स्वर्ण सिंह समिति ने दिया था, जिसे मूल कर्तव्यों में शामिल नहीं किया गया?
    (A) संविधान का पालन (B) देश की रक्षा (C) कर अदायगी का कर्तव्य (D) वैज्ञानिक दृष्टिकोण
    उत्तर: (C) - समिति ने कर अदायगी को कर्तव्य बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन इसे शामिल नहीं किया गया।
  40. भारत में 'संविधान दिवस' कब मनाया जाता है, जो हमें संविधान के पालन के कर्तव्य की याद दिलाता है?
    (A) 26 जनवरी (B) 15 अगस्त (C) 26 नवम्बर (D) 2 अक्टूबर
    उत्तर: (C)
  41. क्या मूल कर्तव्य मौलिक अधिकारों पर वरीयता रखते हैं?
    (A) हाँ (B) नहीं (C) दोनों बराबर हैं (D) कुछ मामलों में
    उत्तर: (B) - मौलिक अधिकार (विशेषकर अनुच्छेद 14, 19) को अधिक वरीयता दी जाती है, हालाँकि संतुलन आवश्यक है।
  42. मूल कर्तव्य नागरिकों को क्या बनने के लिए प्रेरित करते हैं?
    (A) केवल कानून का पालन करने वाले (B) केवल अधिकारों की मांग करने वाले (C) जिम्मेदार और सक्रिय नागरिक (D) निष्क्रिय दर्शक
    उत्तर: (C)
  43. संविधान में 'सामासिक संस्कृति' (Composite Culture) शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में हुआ है?
    (A) केवल धार्मिक संस्कृति (B) केवल क्षेत्रीय संस्कृति (C) भारत की विविध और एकीकृत संस्कृति (D) पश्चिमी संस्कृति
    उत्तर: (C)
  44. मूल कर्तव्यों का पालन न करने पर क्या कोई 'नैतिक प्रतिबंध' है?
    (A) हाँ, समाज द्वारा या अंतरात्मा द्वारा (B) नहीं, कोई प्रतिबंध नहीं (C) केवल कानूनी प्रतिबंध (D) संविधान में उल्लेखित है
    उत्तर: (A) - हालाँकि कानूनी नहीं, सामाजिक या नैतिक दबाव हो सकता है।
  45. अनुच्छेद 51A किस एकमात्र अनुच्छेद के तहत सभी मूल कर्तव्यों को सूचीबद्ध करता है?
    (A) अनुच्छेद 51 (B) अनुच्छेद 51A (C) अनुच्छेद 52 (D) अनुच्छेद 50
    उत्तर: (B)
  46. मूल कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिकों में किस भावना को बढ़ावा देना है?
    (A) केवल राष्ट्रवाद (B) अनुशासन, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता (C) केवल व्यक्तिगत विकास (D) अंतर्राष्ट्रीय समझ
    उत्तर: (B)
  47. क्या संसद मूल कर्तव्यों की सूची में परिवर्तन कर सकती है?
    (A) हाँ, साधारण बहुमत से (B) हाँ, विशेष बहुमत से संविधान संशोधन द्वारा (C) नहीं, यह मूल ढांचा है (D) केवल राष्ट्रपति की अनुमति से
    उत्तर: (B)
  48. मूल कर्तव्यों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित है?
    (A) 51A(a) - वैज्ञानिक दृष्टिकोण (B) 51A(g) - सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा (C) 51A(i) - हिंसा से दूर रहना (D) 51A(k) - राष्ट्रगान का आदर
    उत्तर: (C) - 51A(i) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखने और हिंसा से दूर रहने से संबंधित है। (अन्य: (a) संविधान पालन, (g) पर्यावरण रक्षा, (k) शिक्षा)
  49. मूल कर्तव्यों की अवधारणा को अपनाने वाला पहला प्रमुख लोकतांत्रिक देश कौन सा था? (तुलनात्मक प्रश्न)
    (A) भारत (B) अमेरिका (C) जापान (D) फ्रांस
    उत्तर: (C) - जापान के संविधान में नागरिकों के कर्तव्यों का उल्लेख है, हालाँकि प्रकृति भिन्न हो सकती है।
  50. नीति निदेशक तत्व (DPSP) संविधान के किस भाग में हैं?
    (A) भाग III (B) भाग IV (C) भाग IV-A (D) भाग V
    उत्तर: (B)

12. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. मूल कर्तव्य क्या हैं? (What are Fundamental Duties?)

उत्तर: मूल कर्तव्य भारतीय संविधान के भाग IV-A, अनुच्छेद 51A में वर्णित वे नैतिक और नागरिक दायित्व हैं, जिनका पालन करने की अपेक्षा भारत के प्रत्येक नागरिक से की जाती है। ये नागरिकों को उनके अधिकारों के साथ उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाते हैं।

Q2. भारतीय संविधान में कितने मूल कर्तव्य हैं? (How many Fundamental Duties are there?)

उत्तर: भारतीय संविधान में वर्तमान में कुल 11 मूल कर्तव्य हैं। प्रारंभ में 1976 में 42वें संशोधन द्वारा 10 कर्तव्य जोड़े गए थे, और 11वां कर्तव्य 2002 में 86वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया।

Q3. मूल कर्तव्यों को संविधान में कब और किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया? (When and by which amendment were Fundamental Duties added?)

उत्तर: मूल कर्तव्यों को 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर संविधान में जोड़ा गया था। इन्हें संविधान के एक नए भाग IV-A और अनुच्छेद 51A के तहत रखा गया।

Q4. क्या मूल कर्तव्य न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (enforceable) हैं?

उत्तर: नहीं, मूल कर्तव्य प्रकृति में गैर-न्यायोचित (Non-justiciable) हैं। इसका अर्थ है कि उनके उल्लंघन पर सीधे न्यायालय द्वारा कोई कानूनी सज़ा नहीं दी जा सकती, जैसा कि मौलिक अधिकारों के हनन पर होता है। हालाँकि, संसद इनके कार्यान्वयन के लिए कानून बना सकती है और न्यायालय कानूनों की व्याख्या में इनका उपयोग कर सकते हैं।

Q5. 11वां मूल कर्तव्य क्या है और इसे कब जोड़ा गया?

उत्तर: 11वां मूल कर्तव्य है - 'माता-पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान कराना'। इसे 2002 में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था।

Q6. मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्य में क्या अंतर है? (Difference between Fundamental Rights and Duties?)

उत्तर: मौलिक अधिकार (Fundamental Rights - भाग III) नागरिकों को राज्य के विरुद्ध प्राप्त गारंटी हैं, जो न्यायोचित हैं। मूल कर्तव्य (Fundamental Duties - भाग IV-A) नागरिकों के दायित्व हैं जो राज्य और समाज के प्रति हैं, और ये गैर-न्यायोचित हैं। अधिकार हमें मिलते हैं, जबकि कर्तव्य हमें निभाने होते हैं। ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।

Q7. मूल कर्तव्य और नीति निदेशक तत्व (DPSP) में क्या अंतर है?

उत्तर: दोनों गैर-न्यायोचित हैं, लेकिन मूल कर्तव्य (अनुच्छेद 51A) नागरिकों के लिए हैं, जबकि नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51) राज्य (सरकार) के लिए दिशानिर्देश हैं। कर्तव्यों का उद्देश्य नागरिक जिम्मेदारी है, जबकि DPSP का उद्देश्य कल्याणकारी राज्य की स्थापना है।

13. स्रोत और अतिरिक्त पठन (Sources and Further Reading)

इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी निम्नलिखित स्रोतों और अतिरिक्त अध्ययन सामग्री पर आधारित है:

  • भारत का संविधान (Constitution of India) - विशेष रूप से भाग IV-A, अनुच्छेद 51A। (legislative.gov.in)
  • एम. लक्ष्मीकांत द्वारा 'भारतीय राजव्यवस्था' (Indian Polity by M. Laxmikanth)।
  • एनसीईआरटी (NCERT) की राजनीति विज्ञान की पुस्तकें।
  • प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) विज्ञप्तियां और लेख।
  • पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) वेबसाइट।
  • संबंधित कानूनी अधिनियम (जैसे राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971)।

गहन अध्ययन के लिए आप इन स्रोतों का संदर्भ ले सकते हैं।

14. निष्कर्ष और समापन लाइन (Conclusion)

संक्षेप में, मूल कर्तव्य भारतीय लोकतंत्र के नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण का एक अनिवार्य और नैतिक आधार हैं। भले ही ये कानूनी रूप से सीधे प्रवर्तनीय न हों, लेकिन इनका नैतिक, शैक्षिक और संवैधानिक महत्व अत्यधिक है। ये हमें याद दिलाते हैं कि एक जीवंत और मजबूत राष्ट्र का निर्माण केवल अधिकारों का दावा करने से नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और निष्ठा से निभाने से होता है।

"अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं; एक के बिना दूसरा अधूरा है।"

"M S WORLD The WORLD of HOPE" का मानना है कि जब प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और प्रतिबद्ध होगा, तभी हम एक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर पाएंगे। आइए, हम सब मिलकर अपने मूल कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प लें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें!

आशा है यह विस्तृत जानकारी आपके ज्ञानवर्धन और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी सिद्ध होगी।

यह पोस्ट आपको कैसी लगी? क्या आप मानते हैं कि मूल कर्तव्यों को कानूनी रूप से प्रवर्तनीय बनाया जाना चाहिए? नीचे कमेंट करके अपने विचार साझा करें!

कमेंट करें

ऐसे ही और जानकारीपूर्ण पोस्ट के लिए हमारे मुख्य ब्लॉग M S WORLD Hindi और चैनल "M S WORLD The WORLD of HOPE" से जुड़े रहें!

जय हिन्द! वन्दे मातरम्!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

CG TET 2019 (पेपर 1) बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र - सम्पूर्ण हल प्रश्न पत्र (उत्तर एवं व्याख्या सहित)

CG TET 2019 EVS सॉल्वड प्रश्न पत्र (Paper 1) | पिछले वर्ष का पेपर, उत्तर सहित | M S WORLD

CGPSC 2020-21 CSAT Paper 2 सॉल्वड: हिंदी, छत्तीसगढ़ी, तर्कशक्ति, गणित (हल सहित)