राज्यपाल सूची 2025 (अपडेटेड), नियुक्ति, शक्तियाँ, कार्य, आलोचना और MCQ

भारत के राज्यपाल: नवीनतम सूची जुलाई 2025, शक्तियाँ और महत्वपूर्ण MCQ

भारत के राज्यपाल: नवीनतम सूची जुलाई 2025, शक्तियाँ और महत्वपूर्ण MCQ

भारत के सभी राज्यों के राज्यपालों की सूची 2025
भारत के राज्यों के राज्यपाल (जुलाई 2025 तक अपडेटेड)

नमस्ते दोस्तों! M S WORLD The WORLD of HOPE (msworldhindi.blogspot.com) पर आपका हार्दिक स्वागत है।

आज का हमारा विषय है "भारत के राज्यपाल (Governor of India)"। यह भारतीय राजव्यवस्था का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पद है, जिससे संबंधित प्रश्न UPSC, SSC, राज्य PSC, रेलवे, बैंकिंग और अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं। इस विस्तृत लेख में, हम आपको जुलाई 2025 तक भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों/उपराज्यपालों की नवीनतम सूची प्रदान करेंगे। साथ ही, हम राज्यपाल की भूमिका, नियुक्ति, कार्यकाल, महत्वपूर्ण शक्तियों (कार्यकारी, विधायी, वित्तीय, न्यायिक, विवेकाधीन), ऐतिहासिक संदर्भ और इस पद से जुड़ी कुछ आलोचनाओं पर भी चर्चा करेंगे। अंत में, आपकी तैयारी को परखने के लिए महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) भी शामिल किए गए हैं।

पूरी और सटीक जानकारी के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

अंतिम अपडेट: जुलाई 2025

राज्यपाल कौन होता है? भूमिका और महत्व

भारतीय संविधान के भाग VI में राज्य शासन के लिए प्रावधान है, जिसमें राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख (Constitutional Head) होता है। वह राज्य की कार्यपालिका का औपचारिक प्रधान होता है और साथ ही केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अनुच्छेद 153 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा (हालांकि, 7वें संशोधन, 1956 के बाद एक ही व्यक्ति दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल भी हो सकता है)।

"राज्यपाल राज्य का नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख होता है, जबकि वास्तविक कार्यकारी शक्ति मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में निहित होती है।"

मुख्य भूमिकाएँ:

  • राज्य के प्रशासन का संवैधानिक दायरे में संचालन सुनिश्चित करना।
  • मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करना (विधानसभा चुनाव परिणामों के आधार पर)।
  • राज्य विधानमंडल के सत्र बुलाना, सत्रावसान करना और विधानसभा को भंग करना।
  • राज्य के विधेयकों को अनुमति देना, पुनर्विचार के लिए लौटाना या राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखना।
  • केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित करना।
  • राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में कार्य करना।

राज्यपाल का पद भारतीय संघीय व्यवस्था में केंद्र-राज्य संबंधों को बनाए रखने में एक धुरी का काम करता है।

राज्यपाल की नियुक्ति और कार्यकाल

नियुक्ति (Appointment): भारतीय संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत, राज्यपाल की नियुक्ति प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा न होकर भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र (Warrant under his hand and seal) द्वारा की जाती है। यह नियुक्ति व्यवहार में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर होती है।

योग्यता (Qualifications - अनुच्छेद 157): राज्यपाल बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं हैं:

  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष हो।
  3. वह संसद या किसी राज्य विधानमंडल का सदस्य न हो।
  4. वह कोई अन्य लाभ का पद धारण न करता हो।

कार्यकाल (Term - अनुच्छेद 156):

  • राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  • वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत (during the pleasure of the President) पद धारण करता है, यानी राष्ट्रपति उसे कभी भी हटा सकते हैं।
  • वह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को संबोधित कर सकता है।
  • अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी वह तब तक पद पर बना रहता है जब तक कि उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले।
राज्यपाल की नियुक्ति, योग्यता, कार्यकाल और शक्तियों के बारे में और अधिक गहराई से जानने के लिए, हमारी यह विस्तृत पोस्ट अवश्य पढ़ें: राज्यपाल की नियुक्ति, योग्यता, कार्यकाल, शक्तियां (2025)

राज्यपाल की शक्तियाँ और कार्य (विस्तृत विश्लेषण)

राज्यपाल को संविधान द्वारा विभिन्न प्रकार की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं, जिनका वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर या कुछ मामलों में अपने विवेक से प्रयोग करता है:

1. कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers)

  • राज्य की समस्त कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होती है (अनुच्छेद 154)।
  • वह मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है तथा मुख्यमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है (अनुच्छेद 164)। मंत्रीगण राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं।
  • वह राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) की नियुक्ति करता है और उसका पारिश्रमिक निर्धारित करता है (अनुच्छेद 165)। महाधिवक्ता राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
  • वह राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करता है (अनुच्छेद 316)।
  • वह राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति (Vice-Chancellors) की नियुक्ति करता है (राज्यपाल स्वयं पदेन कुलाधिपति होता है)।
  • वह राज्य के प्रशासन तथा विधायी प्रस्तावों से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री से मांग सकता है।
  • वह राष्ट्रपति से राज्य में संवैधानिक आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) लगाने की सिफारिश कर सकता है (अनुच्छेद 356)।

2. विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)

  • राज्यपाल राज्य विधानमंडल का अभिन्न अंग होता है (अनुच्छेद 168)।
  • वह विधानमंडल का सत्र आहूत (summon), सत्रावसान (prorogue) कर सकता है और विधानसभा को भंग (dissolve) कर सकता है (अनुच्छेद 174)।
  • वह विधानमंडल के प्रत्येक चुनाव के बाद पहले सत्र और प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र को संबोधित करता है (अनुच्छेद 176)।
  • वह विधानमंडल के किसी भी सदन या दोनों सदनों को संदेश भेज सकता है।
  • वह राज्य विधान परिषद (यदि है) के 1/6 सदस्यों को साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और समाज सेवा के क्षेत्र से मनोनीत करता है (अनुच्छेद 171)।
  • राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल की सहमति के बाद ही कानून बनता है (अनुच्छेद 200)। वह विधेयक पर अपनी सहमति दे सकता है, रोक सकता है, पुनर्विचार के लिए लौटा सकता है (धन विधेयक को छोड़कर), या राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित कर सकता है।
  • जब विधानमंडल सत्र में न हो और तत्काल कार्रवाई आवश्यक हो, तो वह अध्यादेश (Ordinance) जारी कर सकता है (अनुच्छेद 213)। इन अध्यादेशों को विधानमंडल के पुनः समवेत होने के 6 सप्ताह के भीतर अनुमोदित कराना अनिवार्य है।

3. वित्तीय शक्तियाँ (Financial Powers)

  • वह सुनिश्चित करता है कि राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाए (अनुच्छेद 202)।
  • राज्यपाल की पूर्व सिफारिश के बिना धन विधेयक (Money Bill) विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
  • उसकी सिफारिश के बिना किसी भी अनुदान की मांग नहीं की जा सकती।
  • वह राज्य की आकस्मिकता निधि (Contingency Fund of the State) से अप्रत्याशित व्यय के लिए अग्रिम धनराशि स्वीकृत कर सकता है।
  • वह पंचायतों और नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए प्रत्येक पांच वर्ष पर एक राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission) का गठन करता है।

4. न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)

  • उसे राज्य के कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा को क्षमा (Pardon), उसका प्रविलंबन (Reprieve), विराम (Respite) या परिहार (Remission) करने अथवा दंडादेश का निलंबन (Suspend), परिहार (Remit) या लघुकरण (Commute) करने की शक्ति प्राप्त है (अनुच्छेद 161)। (नोट: राज्यपाल मृत्युदंड को पूर्णतः क्षमा नहीं कर सकता, यद्यपि वह उसे निलंबित, परिहार या लघुकरण कर सकता है)।
  • राष्ट्रपति, राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय राज्यपाल से परामर्श करता है (अनुच्छेद 217)।
  • वह राज्य के उच्च न्यायालय के परामर्श से जिला न्यायाधीशों (District Judges) की नियुक्ति, पदस्थापना और पदोन्नति करता है (अनुच्छेद 233)।

5. विवेकाधीन शक्तियाँ (Discretionary Powers)

संविधान राज्यपाल को कुछ ऐसी शक्तियाँ भी देता है जिनका प्रयोग वह अपने विवेक से, यानी मंत्रिपरिषद की सलाह के बिना कर सकता है:

  • किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित करना (अनुच्छेद 200)।
  • राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश राष्ट्रपति से करना (अनुच्छेद 356)।
  • पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के रूप में (अतिरिक्त प्रभार मिलने पर) अपने कार्यों का निर्वहन करते समय।
  • असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के राज्यपालों द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में।
  • जब किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिला हो तो मुख्यमंत्री की नियुक्ति करना।
  • विधानसभा में विश्वास मत हासिल न कर पाने वाली मंत्रिपरिषद को बर्खास्त करना।
  • विधानसभा को भंग करना यदि मंत्रिपरिषद ने अपना बहुमत खो दिया हो।

इन विवेकाधीन शक्तियों के कारण राज्यपाल की भूमिका कई बार महत्वपूर्ण और विवादास्पद हो जाती है।

राज्यपाल की भूमिका: आलोचनात्मक दृष्टिकोण (A Critical Perspective)

यद्यपि राज्यपाल का पद संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन समय-समय पर इसकी भूमिका पर प्रश्न उठते रहे हैं। कुछ प्रमुख आलोचनाएँ निम्नलिखित हैं:

  • केंद्र के एजेंट के रूप में कार्य करना: अक्सर राज्यपालों पर यह आरोप लगता है कि वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के बजाय केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में अधिक कार्य करते हैं, खासकर जब केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें हों।
  • विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग: राष्ट्रपति शासन की सिफारिश (अनुच्छेद 356) या मुख्यमंत्री की नियुक्ति/बर्खास्तगी जैसी विवेकाधीन शक्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं, जिससे राज्य सरकारों की स्थिरता प्रभावित होती है।
  • नियुक्ति प्रक्रिया: चूँकि नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर होती है, कई बार राजनीतिक निष्ठा वाले या सेवानिवृत्त नौकरशाहों को नियुक्त किया जाता है, जिससे पद की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
  • कोई सुरक्षा कवच नहीं: राज्यपाल को राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करना होता है, जिससे कार्यकाल की कोई निश्चित सुरक्षा नहीं होती और वे केंद्र के दबाव में आ सकते हैं।

इन आलोचनाओं के निवारण के लिए विभिन्न आयोगों (जैसे सरकारिया आयोग, पुंछी आयोग) ने सुधारों की सिफारिशें की हैं, जिनमें नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता, कार्यकाल की सुरक्षा और विवेकाधीन शक्तियों के प्रयोग के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश शामिल हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ और प्रमुख राज्यपाल (Historical Context & Notable Governors)

भारत में राज्यपाल का पद ब्रिटिश शासन की देन है। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1935 ने प्रांतों में राज्यपालों की व्यवस्था की थी, जो सीधे ब्रिटिश क्राउन के प्रति उत्तरदायी थे। स्वतंत्रता के बाद, संविधान सभा ने इस पद को बनाए रखने का निर्णय लिया, लेकिन इसकी भूमिका को एक संवैधानिक प्रमुख के रूप में पुनर्परिभाषित किया गया।

कुछ प्रमुख राज्यपाल:

  • चक्रवर्ती राजगोपालाचारी: स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल (हालाँकि यह पद राज्यपाल से भिन्न था, लेकिन प्रांतीय प्रशासन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी)।
  • सरोजिनी नायडू: किसी भारतीय राज्य (उत्तर प्रदेश) की पहली महिला राज्यपाल थीं (1947-1949)। उन्हें 'भारत कोकिला' के नाम से भी जाना जाता है।
  • पद्मजा नायडू: सरोजिनी नायडू की पुत्री, जो पश्चिम बंगाल की पहली महिला राज्यपाल बनीं और सबसे लंबे समय तक (लगभग 11 वर्ष) राज्यपाल रहने वाली महिलाओं में से एक हैं।

राज्यपालों ने समय-समय पर भारतीय राजनीति और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, कभी समन्वयकर्ता के रूप में तो कभी संवैधानिक संकट के निवारक के रूप में।

भारत के राज्यों के राज्यपालों की सूची (जुलाई 2025 तक अपडेटेड)

नीचे दी गई तालिका में जुलाई 2025 तक भारत के विभिन्न राज्यों के राज्यपालों की अद्यतन सूची दी गई है:

राज्य राज्यपाल किसका स्थान ग्रहण किया कब ग्रहण किया (अनुमानित)
आंध्र प्रदेशश्री जस्टिस (सेवानिवृत्त) एस. अब्दुल नज़ीरश्री बिस्वा भूषण हरिचंदन24 फरवरी 2023
अरुणाचल प्रदेशलेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक (सेवानिवृत्त)ब्रिगेडियर (डॉ.) बी. डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त)16 फरवरी 2023
असमश्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्यप्रो. जगदीश मुखी30 जुलाई 2024
बिहारश्री आरिफ मोहम्मद खानश्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर2 जनवरी 2025
छत्तीसगढ़श्री रमेन डेकासुश्री अनुसुइया उइके31 जुलाई 2024
गोवाश्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लईश्री भगत सिंह कोश्यारी15 जुलाई 2021
गुजरातश्री आचार्य देवव्रतश्री ओम प्रकाश कोहली22 जुलाई 2019
हरियाणाश्री बंडारू दत्तात्रेयश्री सत्यदेव नारायण आर्य15 जुलाई 2021
हिमाचल प्रदेशश्री शिव प्रताप शुक्लाश्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर18 फरवरी 2023
झारखंडश्री संतोष कुमार गंगवारश्रीमती द्रौपदी मुर्मू31 जुलाई 2024
कर्नाटकश्री थावरचंद गहलोतश्री वजुभाई वाला11 जुलाई 2021
केरलश्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकरश्री आरिफ मोहम्मद खान2 जनवरी 2025
मध्य प्रदेशश्री मंगूभाई छगनभाई पटेलश्रीमती आनंदीबेन पटेल8 जुलाई 2021
महाराष्ट्रश्री सी.पी. राधाकृष्णनश्री भगत सिंह कोश्यारी31 जुलाई 2024
मणिपुरश्री अजय कुमार भल्लासुश्री अनुसुइया उइके3 जनवरी 2025
मेघालयश्री सी. एच. विजयशंकरश्री सत्य पाल मलिक30 जुलाई 2024
मिजोरमजनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त)डॉ. कंभमपति हरिबाबू16 जनवरी 2025
नागालैंडश्री ला. गणेशनश्री आर. एन. रवि20 फरवरी 2023
ओडिशाडॉ. हरि बाबू कंभमपतिप्रो. गणेशी लाल माथुर3 जनवरी 2025
पंजाबश्री गुलाब चंद कटारियाश्री बनवारीलाल पुरोहित31 जुलाई 2024
राजस्थानश्री हरिभाऊ किसानराव बागड़ेश्री कलराज मिश्र31 जुलाई 2024
सिक्किमश्री ओम प्रकाश माथुरश्री गंगा प्रसाद31 जुलाई 2024
तमिलनाडुश्री आर. एन. रविश्री बनवारीलाल पुरोहित18 सितंबर 2021
तेलंगानाश्री जिशु देव वर्माडॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन31 जुलाई 2024
त्रिपुराश्री इंद्र सेना रेड्डी नल्लूश्री सत्यदेव नारायण आर्य26 अक्टूबर 2023
उत्तर प्रदेशश्रीमती आनंदीबेन पटेलश्री राम नाईक29 जुलाई 2019
उत्तराखंडलेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त)श्रीमती बेबी रानी मौर्य15 सितंबर 2021
पश्चिम बंगालडॉ. सी.वी. आनंद बोसश्री ला गणेशन (अतिरिक्त प्रभार)23 नवंबर 2022

*यह सूची जुलाई 2025 तक उपलब्ध आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है। नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा सरकारी वेबसाइटों की पुष्टि करें।

केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल (Lt. Governor) / प्रशासक (Administrator)

भारत के केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories - UTs) के प्रमुखों को या तो उपराज्यपाल (Lieutenant Governor - LG) कहा जाता है या प्रशासक (Administrator)। उपराज्यपाल आमतौर पर उन UTs में नियुक्त किए जाते हैं जहाँ विधानसभा होती है (जैसे दिल्ली, पुडुचेरी, J&K) या जिनका रणनीतिक महत्व है (अंडमान-निकोबार, लद्दाख)। अन्य UTs में प्रशासक होते हैं, जो अक्सर पड़ोसी राज्यों के राज्यपाल या सेवानिवृत्त अधिकारी होते हैं।

जुलाई 2025 तक की सूची:

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: एडमिरल (सेवानिवृत्त) देवेंद्र कुमार जोशी (उपराज्यपाल)
  • चंडीगढ़: श्री गुलाब चंद कटारिया (प्रशासक)
  • दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव: श्री प्रफुल्ल खोदा पटेल (प्रशासक)
  • दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र): श्री विनय कुमार सक्सेना (उपराज्यपाल)
  • जम्मू और कश्मीर: श्री मनोज सिन्हा (उपराज्यपाल)
  • लद्दाख: ब्रिगेडियर (डॉ.) बी. डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) (उपराज्यपाल)
  • लक्षद्वीप: श्री प्रफुल्ल खोदा पटेल (प्रशासक)
  • पुडुचेरी: श्री के. कैलाशनाथन (उपराज्यपाल)

*यह सूची भी जुलाई 2025 तक अद्यतन है।

भारत के राज्यपाल पर महत्वपूर्ण MCQ (अभ्यास प्रश्न)

नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर दें और अपनी तैयारी जांचें। विकल्प चुनने के बाद सही उत्तर और व्याख्या देखें:

  1. 1. राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?

    सही उत्तर: (B) भारत के राष्ट्रपति

    व्याख्या: संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार, राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

  2. 2. राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

    सही उत्तर: (C) 5 वर्ष

    व्याख्या: अनुच्छेद 156 के अनुसार, राज्यपाल का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, हालाँकि वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।

  3. 3. राज्यपाल पद के लिए न्यूनतम आयु सीमा क्या है?

    सही उत्तर: (C) 35 वर्ष

    व्याख्या: अनुच्छेद 157 के अनुसार, राज्यपाल बनने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक होना चाहिए।

  4. 4. राज्य की कार्यपालिका शक्ति किसमें निहित होती है?

    सही उत्तर: (B) राज्यपाल

    व्याख्या: संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार, राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होती है, जिसका प्रयोग वह स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करता है।

  5. 5. राज्यपाल को शपथ कौन दिलाता है?

    सही उत्तर: (B) संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

    व्याख्या: अनुच्छेद 159 के अनुसार, राज्यपाल को पद की शपथ संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उनकी अनुपस्थिति में उस न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।

  6. 6. राज्यपाल अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है?

    सही उत्तर: (C) राष्ट्रपति

    व्याख्या: राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसलिए वह अपना त्यागपत्र भी राष्ट्रपति को ही सौंपता है (अनुच्छेद 156(2))।

  7. 7. राज्य विधानमंडल के सत्र को कौन आहूत करता है?

    सही उत्तर: (B) राज्यपाल

    व्याख्या: अनुच्छेद 174 के तहत राज्यपाल को राज्य विधानमंडल के सत्र को आहूत करने, सत्रावसान करने और विधानसभा को भंग करने की शक्ति प्राप्त है।

  8. 8. राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेश (Ordinance) की अधिकतम अवधि कितनी हो सकती है?

    सही उत्तर: (C) 6 महीने और 6 सप्ताह

    व्याख्या: अनुच्छेद 213 के तहत जारी अध्यादेश विधानमंडल के सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर अनुमोदित होना चाहिए। दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 महीने का अंतर हो सकता है, इसलिए अध्यादेश की अधिकतम अवधि 6 महीने + 6 सप्ताह होती है।

  9. 9. क्या एक व्यक्ति को एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है?

    सही उत्तर: (A) हाँ

    व्याख्या: 7वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 के बाद अनुच्छेद 153 में प्रावधान किया गया कि एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।

  10. 10. राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

    सही उत्तर: (C) राज्यपाल

    व्याख्या: अनुच्छेद 316 के अनुसार, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। (हालांकि, उन्हें हटाने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास है)।

  11. 11. राज्यपाल की 'क्षमादान शक्ति' किस अनुच्छेद के अंतर्गत आती है?

    सही उत्तर: (C) अनुच्छेद 161

    व्याख्या: अनुच्छेद 161 राज्यपाल को राज्य विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराए गए व्यक्ति के दंड को क्षमा, प्रविलंबन, विराम या परिहार करने अथवा दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है। (राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति अनुच्छेद 72 में है)।

  12. 12. जुलाई 2025 की सूची के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल कौन हैं?

    सही उत्तर: (C) श्रीमती आनंदीबेन पटेल

    व्याख्या: ऊपर दी गई तालिका के अनुसार, जुलाई 2025 तक उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल हैं।

  13. 13. राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश राष्ट्रपति से कौन करता है?

    सही उत्तर: (C) राज्यपाल

    व्याख्या: यदि राज्यपाल को लगता है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है, तो वह अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकता है।

  14. 14. निम्नलिखित में से किसकी नियुक्ति राज्यपाल नहीं करता है?

    सही उत्तर: (D) राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश

    व्याख्या: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है (अनुच्छेद 217), हालाँकि राज्यपाल से परामर्श लिया जाता है। मुख्यमंत्री, महाधिवक्ता और राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है।

  15. 15. जुलाई 2025 की सूची के अनुसार, बिहार के राज्यपाल कौन हैं?

    सही उत्तर: (B) श्री आरिफ मोहम्मद खान

    व्याख्या: ऊपर दी गई तालिका के अनुसार, जुलाई 2025 तक बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान हैं।

  16. 16. राज्यपाल किसके प्रसादपर्यंत पद धारण करता है?

    सही उत्तर: (B) राष्ट्रपति

    व्याख्या: अनुच्छेद 156(1) के अनुसार, राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपना पद धारण करता है।

  17. 17. राज्य विधान परिषद (यदि मौजूद हो) में राज्यपाल कितने सदस्यों को मनोनीत कर सकता है?

    सही उत्तर: (C) 1/6 सदस्य

    व्याख्या: अनुच्छेद 171(5) के अनुसार, राज्यपाल विधान परिषद की कुल सदस्य संख्या के लगभग 1/6 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है, जो साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखते हों।

  18. 18. केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के प्रशासक को क्या कहा जाता है?

    सही उत्तर: (C) उपराज्यपाल (Lt. Governor)

    व्याख्या: दिल्ली, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख को उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) कहा जाता है।

  19. 19. राज्यपाल द्वारा अध्यादेश जारी करने की शक्ति का प्रयोग कब किया जा सकता है?

    सही उत्तर: (B) जब विधानमंडल सत्र में न हो

    व्याख्या: अनुच्छेद 213 के अनुसार, राज्यपाल अध्यादेश केवल तभी जारी कर सकता है जब राज्य विधानमंडल (या विधानसभा, यदि केवल एक सदन है) सत्र में न हो और ऐसी परिस्थितियाँ विद्यमान हों जिनमें तत्काल कार्रवाई आवश्यक हो।

  20. 20. जुलाई 2025 की सूची के अनुसार, महाराष्ट्र के राज्यपाल कौन हैं?

    सही उत्तर: (B) श्री सी.पी. राधाकृष्णन

    व्याख्या: ऊपर दी गई तालिका के अनुसार, जुलाई 2025 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन हैं।

  21. 21. राज्यपाल के पद की शपथ का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?

    सही उत्तर: (C) अनुच्छेद 159

    व्याख्या: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 159 राज्यपाल द्वारा ली जाने वाली शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप का उल्लेख करता है।

  22. 22. राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति (Chancellor) कौन होता है?

    सही उत्तर: (C) राज्यपाल

    व्याख्या: पदेन (Ex-officio) रूप से राज्य का राज्यपाल उस राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है और वह कुलपतियों (Vice-Chancellors) की नियुक्ति करता है।

  23. 23. निम्नलिखित में से कौन सी राज्यपाल की विवेकाधीन शक्ति है?

    सही उत्तर: (D) उपरोक्त सभी

    व्याख्या: ये सभी परिस्थितियाँ राज्यपाल को अपनी विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करने का अवसर देती हैं, जहाँ वह मंत्रिपरिषद की सलाह के बिना कार्य कर सकता है।

  24. 24. जुलाई 2025 की सूची के अनुसार, राजस्थान के राज्यपाल कौन हैं?

    सही उत्तर: (B) श्री हरिभाऊ किसानराव बागड़े

    व्याख्या: ऊपर दी गई तालिका के अनुसार, जुलाई 2025 तक राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसानराव बागड़े हैं।

  25. 25. राज्यपाल के वेतन और भत्ते किस निधि पर भारित होते हैं?

    सही उत्तर: (B) राज्य की संचित निधि

    व्याख्या: राज्यपाल के वेतन, भत्ते और उनके पद से संबंधित अन्य व्यय राज्य की संचित निधि (Consolidated Fund of the State) पर भारित होते हैं। (यदि एक राज्यपाल दो या अधिक राज्यों का कार्यभार संभालता है, तो वेतन और भत्ते राज्यों के बीच राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित अनुपात में आवंटित किए जाते हैं)।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. राज्यपाल कौन होता है?

राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख और केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होता है। राज्य की समस्त कार्यपालिका शक्ति उसी में निहित होती है।


2. राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?

भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर, राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति करते हैं (अनुच्छेद 155)।


3. राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है?

सामान्यतः राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है और उसे पहले भी हटाया या स्थानांतरित किया जा सकता है।


4. राज्यपाल बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?

राज्यपाल बनने के लिए न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।


5. क्या एक व्यक्ति एक से अधिक राज्य का राज्यपाल हो सकता है?

हाँ, 7वें संविधान संशोधन (1956) के अनुसार, एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।


6. उपराज्यपाल (Lt. Governor) और राज्यपाल (Governor) में क्या अंतर है?

राज्यपाल राज्यों के संवैधानिक प्रमुख होते हैं, जबकि उपराज्यपाल कुछ विशेष केंद्र शासित प्रदेशों (जैसे दिल्ली, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख) के प्रमुख होते हैं। प्रशासक (Administrator) अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख होते हैं। उपराज्यपाल की शक्तियां राज्यपाल से कुछ भिन्न हो सकती हैं और वे अधिक सीधे केंद्र के नियंत्रण में होते हैं।

निष्कर्ष

इस विस्तृत लेख में हमने भारत के राज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों/प्रशासकों की नवीनतम (जुलाई 2025 तक) सूची प्रस्तुत करने के साथ-साथ राज्यपाल पद के विभिन्न संवैधानिक पहलुओं को समझने का प्रयास किया है। हमने उनकी नियुक्ति, कार्यकाल, शक्तियों (कार्यकारी, विधायी, वित्तीय, न्यायिक, विवेकाधीन), ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इस पद से जुड़ी आलोचनाओं पर भी प्रकाश डाला।

राज्यपाल का पद भारतीय संघीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सेतु का कार्य करता है, यद्यपि इसकी भूमिका कई बार राजनीतिक विमर्श का केंद्र भी बनती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

आपको यह पोस्ट कैसी लगी? क्या आपके मन में राज्यपाल की भूमिका से संबंधित कोई प्रश्न है? नीचे कमेंट सेक्शन में अपने विचार और प्रश्न अवश्य साझा करें!

सीखते रहें, बढ़ते रहें!

ऐसे ही और ज्ञानवर्धक लेख और क्विज़ के लिए, हमारे ब्लॉग को फॉलो करें:

M S WORLD The WORLD of HOPE (Blog)

और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें:

M S WORLD The WORLD of HOPE (YouTube)

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

CG TET 2019 (पेपर 1) बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र - सम्पूर्ण हल प्रश्न पत्र (उत्तर एवं व्याख्या सहित)

CG TET 2019 EVS सॉल्वड प्रश्न पत्र (Paper 1) | पिछले वर्ष का पेपर, उत्तर सहित | M S WORLD

CGPSC 2020-21 CSAT Paper 2 सॉल्वड: हिंदी, छत्तीसगढ़ी, तर्कशक्ति, गणित (हल सहित)